Cheef minister ka sonbhadra doura मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान 16 जून को सोनभद्र के पहले दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सोनभद्र के लोगों को बहुत उम्मीदें हैं।2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए केंद्र में लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने व पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा जनता के लिए किए गए कार्यो की जानकारी देने के लिए तथा डबल इंजन सरकार के फायदे गिनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कल सोनभद्र आ रहे हैं।
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यहां आपको बताते चलें कि कल मुख्यमंत्री सोनभद्र स्थित डायट परिसर में आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित करेंगे जिसमें वह जहां एक तरफ अपनी सरकार द्वारा चलाये जा रहे जनकल्याण कारी योजनाओं से जनता को रूबरू कराएंगे वहीं दूसरी तरफ करोड़ो की लागत से बनी कुछ परियोजनाओं का लोकार्पण व कुछ का शिलान्यास कर चुनावी समर के लिए अपने योद्धाओं को हथियार भी प्रदान करेंगे। प्रशासनिक अमले द्वारा दिन रात एक करके मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल के आस पास की सारी व्यवस्था को चाक चौबंद किया जा रहा है , इतना ही नही चुर्क स्थित पुलिस लाइन के ग्राउंड जहां मुख्यमंत्री का उड़नखटोला उतरेगा वहाँ से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के बीच में पड़ने वाली सड़क को जिस तरह से चमकाया जा रहा है उसे देखकर बरबस ही एक बुजुर्ग के मुंह से निकलता है कि काश हर महीने ही मुख्यमंत्री जिले के दौरे पर आते ।कम से कम उनके आने से कुछ हो चाहै ना हो जिस जगह पर भी उनका कार्यक्रम लगेगा उसके आस पास की सारी व्यवस्था तो ठीक ठाक हो ही जाएंगी अर्थात वहां का नजारा तो बदल ही जाता है ।अब आप खुद ही देख लीजिए मुख्यमंत्री के उड़न खटोला उतरने वाले स्थान से लेकर कार्यक्रम स्थल तक पड़ने वाले रास्ते से लेकर कार्यक्रम स्थल के आस पास की तस्वीर बदलने में प्रशासन जिस तरह से पसीना बहा कर आल इज वेल दिखाने के प्रयास में लगा है उसे देखकर कोई भी यहीं कहेगा कि काश मुख्यमंत्री जी जल्दी जल्दी जिले में आते।
खैर जो भी हो मुख्यमंत्री के आने से जहां एक तरफ कार्यकर्ता अपनी गुटबाजी से थोड़ा ऊपर उठकर पार्टी हित के लिए अपने अपने निजी स्वार्थों को छोड़कर संगठन के अनुसार काम मे लग जाते हैं तो दूसरी तरफ प्रशासनिक अमले के वह पुर्जे जो अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए जनहित की तरफ से आंखें मूंदकर खुला खेल फरुखाबादी खेल में लिप्त रहते हैं उन्हें कसने का मौका भी मिल जाता है। यही कारण है कि लोग यह कहते हुए मुख्यमंत्री के दौरे का इंतजार करने में लगे हैं कि चलो मुख्यमंत्री के आने से कुछ तो बदलेगा।
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