अनिल द्विवेदी ने अपने बयान में कहा कि सवर्ण बस्ती को उड़ाने के लिए डायनामाइट लगाने की बात कही गयी है । इसकी जाँच किसी बड़ी जांच एजेंसी से होनी चाहिए । साथ ही उक्त वायरल विडियो की सत्यता की जांच कराकर सांसद पर भी पारदर्शिता से कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए नही तो ब्राह्मण समुदाय मजबूर होकर सड़क पर संघर्ष करने को बाध्य होगा।
सोनभद्र।अनिल द्विवेदी पू.प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा ‘युथ’ उत्तर प्रदेश ने बहुत ही कड़े लहजे में पकौड़ी लाल की भाषा का बिरोध किया। उन्होंने कहा कि सांसद सोनभद्र पकौड़ी लाल कोल द्वारा सवर्ण ब्राम्हण ठाकुरों के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है वह अत्यंत निंदनीय है इसकी जितनी कड़ी निंदा की जाए वह कम है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी पकौड़ी लाल कोल द्वारा सपा का सांसद रहते हुए भी सवर्णो के प्रति इस प्रकार के भाषा का इस्तेमाल पहले भी किया जा चुका है। सवर्णों को मां बहन की गाली गलौज देना पकौड़ी लाल कोल की अब आदत में शामिल होता जा रहा है जो बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने अपने बयान में बताया कि मैं किसी भी पार्टी का नेता होने से पहले एक ब्राह्मण हूँ। ब्राम्हण क्षत्रिय युगों से आज तक समाज के पोषक और पालक रहे हैं, और हैं, और हमेशा रहेंगे। ब्राह्मण ठाकुर सदैव से ही सम्पूर्ण समाज को एक साथ,एक जुट करके एक समान भाव से ससम्मान सभी जाति तथा सभी वर्गो को लेकर चलने का काम किये । सार्वजनिक मंच से पकौड़ी लाल कोल द्वारा ब्राह्मण क्षत्रियों के मां बहन को गाली देना यह उनकी मानसिकता को प्रदर्शित करता है कि यह ब्राम्हण ठाकुरों से कितना द्वेश की भावना रखते हैं।
पकौड़ी लाल कोल द्वारा अपने भाषण में यह भी कहा गया हैं कि वह 12 सिपाही तीन दरोगा को मारा व मरवाया,पीटा व पीटवाये हैं और समूची सवर्ण बस्ती को डायनामाइट लगाकर उणाने तक की बात कही गई है,जो बड़ी जांच एजेंसियों से जांच कराने का विषय है।उनके भाषण से एक बात तो साफ है कि सांसद पकौड़ी लाल कोल जाति संघर्ष कराना चाहता हैं जो एक तरफ ब्राह्मण ठाकुरों को गाली देकर ललकार रहे है और दूसरी तरफ अपने उन जातियों को वर्ग संघर्ष के लिए तैयार कर रहै हैं जिससे आपस मे जाति संघर्ष की सम्भावना बढ़ती जा रही है ।
जिसको हमारा समाज या कोई भी राजनीतिक पार्टियां या समाजिक संगठन स्वीकार नहीं करेगा। मैं शिर्ष नेत्रित्व व मा.मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी से यह आग्रह व अपेक्षा करता हूं कि इसको तत्काल संज्ञान लेते हुए बिषय की गम्भीरता को समझते हुए किसी बड़ी जांच एंजेसी द्वारा इस वीडियो की फॉरेंसिक जांच करा कर इसकी सच्चाई को जानते हुए, इनके ऊपर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज हो ।