सोनभद्र । समय के साथ – साथ जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं , वैसे ही लोगों के भीतर से संवेदनाएँ खत्म होती जा रहीं हैं । मौजूदा दौर में मनुष्य की असंवेदनशीलता अपने चरम पर है । समय के बदलाव के साथ साथ मानवीय संवेदनाएं भी खत्म हो रही हैं । अब माँ की ममता भी भौतिकता की तराजू में तौली जा रही है।यदि ऐसा नहीं होता तो यहाँ वहाँ सड़कों के किनारे झाड़ियों के बीच नवजात न मिलते। ताजा मामला आज सुबह घोरावल विकास खंड का है जहाँ मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक ऐसी खबर सामने आई है , जिससे माँ की ममता एक बार फिर शर्मशार हो गयी है । घोरावल थाना क्षेत्र के कोलिया घाटी में एक नवजात शिशु को झाडियों के बीच निर्दयी एवं क्रूर माँ ने लावारिस हालात में छोड़ दिया । वह नवजात शिशु सड़क के किनारे झाडियों के बीच ग्रामीणों को रोता हुआ मिला । ग्रामीणों ने इसकी सूचना ग्राम प्रधान और स्थानीय पुलिस को दिया । ग्राम प्रधान व स्थानीय पुलिस ने नवजात को तत्काल सरकारी अस्पताल ले जाया गया , जहाँ नवजात की गंभीर स्थिति देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया । वहीं घोरावल पुलिस पूरे मामले की जाँच में जुट गई है । यहां एक बात तो साफ है कि उक्त नवजात किसी न किसी अस्पताल से ही मां को कोख से उक्त झाड़ियों तक पहुंचा होगा।अब सवाल उन अस्पतालों पर भी उठने लगा है कि आखिर जब इस तरह की डिलीवरी के लिए लोग आते हैं तो अस्पताल चलाने वाले चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेने के बजाय यदि उक्त जानकारी पुलिस तक समय रहते पहुंचा देते तो इस तरह की घटनाओं पर विराम लग सकता है।