Monday, April 29, 2024
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डीपीआरओ ऑफिस में सेक्रेटरी ने दी बाबू को खुली धमकी, कहा- ठोक दूँगा, पढ़ें पुरी खबर

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सोनभद्र । जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे जिले में राजनीतिक पारा भी चढ़ रहा है। जहां एक तरफ़ राजनीतिक अखाड़े में नेता चुनावी ताल ठोक रहे हैं तो वहीं जिले का एक सेक्रेटरी डीपीआरओ आफिस में तैनात एक बाबू को ही ठोक देने की धमकी दे रहा है। इस सनसनीखेज वाकये के बाद जिलापंचायत राज अधिकारी भी सन्न रह गए और तत्काल उस सेक्रेटरी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब तलब कर लिया है।

विंध्यलीडर के हाथ लगे महत्वपूर्ण दस्तावेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे सदर ब्लाक का एक सेक्रेटरी पूरे विभाग में गदर मचाया हुआ है। डीपीआरओ द्वारा जारी पत्र संख्या 3050/प-7/नोटिस/2021-22 दिनांक 14 फरवरी 2022 के मुताबिक रावर्ट्सगंज ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज कुमार दुबे जनसूचना के तहत समय से सूचना न देने के कारण ,उन पर 25000 रुपये जुर्माना किये जाने के आदेश के खिलाफ डीपीआरओ आफिस पहुंचे थे।

मिली जानकारी के मुताबिक डीपीआरओ ऑफिस में तैनात लेखाकार गजेंद्र मोहन पांडेय के पास पहुंचकर आदेश को गलत बताते हुए 25000₹ वसूली आदेश को वापस लेने का दबाव बनाने लगे। जब गजेंद्र मोहन पांडेय द्वारा मना कर दिया गया तो सेक्रेटरी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए ठोक देने की धमकी देने लगा। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद पूरे विकास भवन में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता व मनबढ़ सेक्रेटरी को देखते हुए गजेंद्र मोहन पांडेय ने इसकी लिखित शिकायत डीपीआरओ से की , जिसके बाद डीपीआरओ विशाल सिंह ने फौरी तौर पर सेक्रेटरी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है, साथ ही दोबारा इस तरह के कृत्य किये जाने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।

मगर यहां बड़ा सवाल तो यह है कि कुछ माह पूर्व इसी विभाग में जब एक बाबू द्वारा सक्रेटरी को अपशब्द का प्रयोग किया था तो उसके खिलाफ कार्यवाही करते हुए जिला बदर की कार्यवाही की गई थी और अब जब उससे ज्यादा गम्भीर कृत्य सेक्रेटरी द्वारा किया गया तो डीपीआरओ द्वारा सिर्फ कारण बताओ नोटिस मात्र जारी कर कोरम पूरा किया जा रहा है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या विभाग में अब कार्यवाही भी चेहरा या कद देख कर किया जाने लगा है। क्योंकि पहले सैफुल्ला खान के समय उनका ऑडियो मात्र जारी हुआ था और डीपीआरओ ने तत्काल कार्यवाही कर एक मिसाल पेश की थी जबकि उसी मामले में एडीओ पंचायत को बरी कर दिया गया था। लेकिन वर्तमान केस में सेक्रेटरी द्वारा न सिर्फ अपशब्द बोला गया बल्कि ठोक देने की धमकी भी दी गयी, तो क्या डीपीआरओ द्वारा कारण बताओ की नोटिस किये जाने की कार्यवाही मात्र सही है ?

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