यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद नेताओं की आवाजाही जारी है. मंगलवार को कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दिया तो बुधवार को कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
लखनऊ । बुधवार को कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी के लिए यह तगड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि चौहान किस पार्टी में शामिल होने वाले हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की एक और बड़ा झटका लगा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद बुधवार को वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा भेज दिया है.
दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा भेजा है. भारतीय जनता पार्टी के लिए मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद यह एक और बड़ा झटका माना जा रहा है. दारा सिंह चौहान ने भी दलितों पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है.
मंत्री दारा सिंह चौहान भी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. 5 साल सरकार में मंत्री रहे और अब जब विधानसभा चुनाव सूचना जारी हो चुकी है तो उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.
सूत्रों का कहना है कि मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ दारा सिंह चौहान भी समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे और बीजेपी के कई अन्य मंत्री भी स्वामी प्रसाद मौर्य संपर्क में है.

दारा सिंह चौहान का इस्तीफा
बसपा व सपा में भी रह चुके हैं
गौरतलब है कि दारा सिंह चौहान मूलरूप से आजमगढ़ जिले के गेलवारा गांव के रहने वाले हैं. इनकी गिनती बसपा के संस्थापक सदस्यों में होती है. कहा जाता है कि दारा सिंह राजनीति के ऐसे मंझे खिलाड़ी हैं जो हवा का रुख चुनाव से पहले ही भांप जाते हैं.
दारा सिंह चौहान ने राजनीति की शुरूआत में ही अपना कर्मक्षेत्र मऊ के मधुबन क्षेत्र को बनाया. बसपा ने वर्ष 1996 में पहली बार उन्हें राज्यसभा भेजा. इसके बाद 2000 में वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. वर्ष 2007 के चुनाव से पहले वह फिर बसपा में शामिल हो गए. इसके बाद फिर बसपा ने 2009 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया.