एक पुरानी कहावत है कि एक ही उल्लू काफी है बर्बाद गुलिस्तां करने को। हर शाख पे उल्लू बैठे हैं अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा,कुछ यही अंदाज दिखा रौंप में सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर का जहाँ कुछ शिक्षक भोजन करने के बाद फरार होकर धरने में शामिल होने चले गए।
अपने क्लास छोड़कर क्लास से स्टूडेंट्स को गोल होते सुना होगा परन्तु शिक्षकों को घण्टा कट करते हुए बहुत कम सुना होगा। आज दिनांक 20 सितम्बर 2022 को एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। जब धरना प्रदर्शन के लिए शिक्षकों ने प्रशिक्षण शाला से ही अनुपस्थित हो गये। घण्टा कट कर पहुंच गए लोढी स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में। जहाँ प्राथमिक शिक्षक संघ का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन जारी है।
वेतन से सम्बंधित अपनी मांगों को लेकर शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। परन्तु प्रशिक्षण कार्यशाला से अनुपस्थित होना किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है। एक शिक्षक को रूल तोड़ना सेवा नियमावली एवं मर्यादा के विपरीत है। ऐसा में दिलचस्प बात यह है कि प्रशिक्षण स्थल पर 100 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। कैटरर के मुताबिक तक़रीबन 110 शिक्षकों ने भोजन ग्रहण किया। जबकि प्रशिक्षण कार्यक्रम में तकरीबन 40 से 45 शिक्षक ही मौके पर उपस्थित थे।
आपको बताते चलें कि बच्चों का पाठ्यक्रम किस तरह से रुचिकर होगा तथा उसमें क्या सुधार किया जा सकता है जिससे कि बच्चे किसी भी विषय मे खेल खेल में दक्ष हो जायँ इसी लिए ब्लॉक संसाधन केंद्र राबर्ट्सगंज में शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला चल रही है। यह कार्यशाला दो पारियों में आयोजित की जा रही है। दो कमरों में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा था।
अचानक से छात्रों के संगठन के नेता प्रशिक्षण कार्यक्रम में आकर तक़रीबन आधे शिक्षकों को अपने साथ लेकर लोढी स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में धरना में शामिल होने के लिए ले गए। जिसके चलते एक प्रशिक्षण रूम में ताला लग गया। वहीं दूसरे रूम में कुछ टीचर्स प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित रहे। इस पर बीएसए का कहना है कि कोई बात नहीं बाकी अनुपस्थित शिक्षकों के लिए एक दिन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ा दिया जायेगा। समय कि शिला पर खड़ी जनता सोच रही है कि रामजी ने क्या जोड़ी बनाई। एक अंधा एक …..
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