मासूम बच्चे के शव को हाथों में लेकर हांफते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा पिता , बेहतर स्वास्थ्य सेवा की दुहाई बेमानी !
उन्नाव । बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दुहाई तो बहुत दी जाती है, पर अक्सर ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, कि इन दावों पर अपने आप सवालिया निशान लग जाते हैं. चित्रकूट दर्शन को आया एक पिता अपने मृत बच्चे के शव को हाथों में लेकर हांफते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो एक बार फिर आम आदमी की विवशता कराह उठी और सरकार के तरफ से किये गए बेहतरी के दावे खोखले साबित हो गए. परिवार के सदस्यों के साथ तीर्थयात्रा करने गया परिवार रास्ते में हाईवे के किनारे नित्य क्रिया के लिए रुका, तभी 7 वर्षीय बालक आया बोलेरो की चपेट में, बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई.
शव लेकर पहुंचे पोस्टमार्टम हाउस
उन्नाव जिले के निवासी अमृत लाल ने बताया कि वह परिवार व अन्य लोगों के साथ तीर्थयात्रियों की निजी बस से विंध्याचल दर्शन को गया था. वहां से लौटकर सभी चित्रकूट कामतानाथ के दर्शन के लिए जा रहे थे. रास्ते में हाईवे पर रैपुरा थाना ते अंतर्गत बांधी गांव के पास यात्रियों के शौचक्रिया के लिए बस रोकी गई. अमृत ने बताया कि 7 वर्षीय शुभम की दादी वहीं पास के किसी तालाब से पानी लेने चली गई कि इसी दौरान तेजी से निकली एक बोलेरो ने सड़क किनारे खड़े शुभम को रौंद दिया. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
फोन करने पर भी नहीं आई एंबुलेंस
इसके बाद 112 नंबर को फोन किया गया. इस पर 108 नंबर एंबुलेंस वहां पहुंची. अमृतलाल के अनुसार, एंबुलेंस रामनगर सीएचसी से शव को जिला अस्पताल तक लाई और वहां शव उतारकर आगे ले जाने से मना कर दिया. इस पर वे लोग शव को निजी बस में रखकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. निजी बस से पुरानी कोतवाली के पास चौराहे पर बच्चे के शव को उतारकर पिता अमृतलाल लगभग सौ कदम की दूरी तक शव को हाथों में लेकर हांफते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचें तो लोग हतप्रभ रह गए. जिला अस्पताल और एंबुलेंस सुविधाओं के दावे एक बार फिर खोखला साबित हो गए.