जेल में बंद बेटे पर सवाल से अजय मिश्रा क्यों बौखलाए , पत्रकारों को दी गाली ?
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आरोप है कि तीन गाड़ियों के एक काफिले ने प्रदर्शन करने वाले किसानों को रौंद दिया था। इसमें अजय मिश्रा की एक महिंद्रा थार भी शामिल थी। आरोप सीधे तौर पर मंत्री के बेटे आशीष पर लगा कि उसने कथित तौर पर गाड़ी चढ़ाई।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी आख़िर पत्रकारों पर क्यों बौखला गए? लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने के मामले में फँसे उनके बेटे को लेकर क्या उनपर दबाव है?
राजेन्द्र द्विवेदी की खास रिपोर्ट
लखनऊ /लखीमपुर । केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी जेल में बंद अपने बेटे पर एक सवाल से आज बौखला गए। उन्होंने पत्रकारों को गाली दी। उन्होंने कह दिया- ‘कैमरा बंद कर बे’। उनकी यह बौखलाहट तब आई है जब उनको मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने का लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। यूपी के लखीमपुर खीरी में उनके बेटे पर किसानों को गाड़ी से रौंदने का आरोप है। इसकी जाँच के लिए गठित एसआईटी ने कहा है कि किसानों की हत्या सोची-समझी साज़िश है। इसके बाद से संसद में अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त करने के लिए लगातार हंगामा हो रहा है।
ऐसे ही दबाव के बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह मीडियाकर्मियों पर भड़कते नज़र आ रहे हैं। वीडियो में अजय मिश्रा को झपटते और मीडिया को गालियाँ देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
एक पत्रकार द्वारा उनके बेटे आशीष मिश्रा के ख़िलाफ़ एसआईटी के इन नए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने चिल्लाते हुए कहा, ‘ये बेवकूफी भरे सवाल मत पूछो। दिमाग खराब है क्या बे?’ मिश्रा एक रिपोर्टर पर झपटते हुए और उनका माइक छीनते हुए भी दिखाई देते हैं। वह कहते हैं, ‘माइक बंद करो बे।’
वीडियो में उनको एक जगह एक अपशब्द कहते सुना जा सकता है। वह पत्रकारों को ‘चोर’ कहते हैं। यह घटना उस समय हुई जब मंत्री लखीमपुर खीरी में एक ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन कर रहे थे।
मंत्री कल ही अपने बेटे आशीष मिश्रा से मिलने जेल में गए थे। आशीष लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या मामले में जेल में बंद है। यह वह मामला है जिसमें 3 अक्टूबर को 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी।
अब इसी मामले में एक दिन पहले यानी मंगलवार को विशेष जांच दल की रिपोर्ट आई है। इसमें कहा गया है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों को कथित तौर पर आशीष मिश्रा द्वारा संचालित एक एसयूवी द्वारा ‘हत्या करने के इरादे से’ कुचल दिया गया था और यह ‘लापरवाही से मौत नहीं’ थी।
इसने यह भी सिफारिश की कि आशीष मिश्रा और अन्य के ख़िलाफ़ तेज गति से गाड़ी चलाने के आरोपों को संशोधित किया जाए और हत्या के प्रयास के आरोप और मनमर्जी से चोट पहुंचाने का आरोप जोड़ा जाए। आशीष मिश्रा और अन्य पहले से ही हत्या और साज़िश के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
इस पूरे मामले में मोदी सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से काफ़ी दबाव है कि वे अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें। संसद में भी इस पर हंगामा मचा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है, ‘हम चाहते हैं कि मंत्री इस्तीफ़ा दें लेकिन पीएम तैयार नहीं हैं। जिस तरह से सरकार को कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था, वह मंत्री को बर्खास्त करने के लिए मजबूर हो जाएगी।’
बता दें कि अब तक बीजेपी ने मिश्रा को हटाने से इनकार कर दिया है और जोर देकर कहा है कि उनके बेटे ने जो कुछ भी किया उसके लिए उन्हें ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। हालाँकि विपक्षी दल अजय मिश्रा पर अपने बेटे का बचाव करने का आरोप लगाते रहे हैं। अजय मिश्रा शुरू से कहते आ रहे हैं कि उनका बेटा घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। लेकिन कई किसानों ने दावा किया था कि उन्होंने उनके बेटे को उस गाड़ी में देखा था जिसने किसानों को कुचला। इसके अलावा उस घटना से पहले उनके एक बयान पर भी आपत्ति की जा रही है जो उन्होंने उस घटना से कुछ दिन पहले दिया था।