कालेज प्रबंधन से मिलकर जांच के नाम पर लीपापोती करने का छात्रों ने लगाया आरोप
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सोनभद्र। छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति के नाम पर निजी कालेज के छात्रों से कालेज प्रबंधन द्वारा धन उगाही किये जाने की लगातार हो रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए शासन ने कॉलेज प्रबंधन व इसके लिए सरकार की तरफ से नोडल विभाग समाज कल्याण विभाग के कॉकस को तोड़ने के लिए ही छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति आदि देने की समस्त प्रणाली को ही ऑन लाइन पोर्टल पर कर दिया है जिससे छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति के नाम पर छात्रों के शोषण व विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार पर अंकुश तो लगा जरूर है परंतु वह एकदम से बंद नहीं हो पाया है और आज छात्रों द्वारा कालेज प्रबंधन के खिलाफ जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिया गया शिकायती पत्र इसी बात का सबूत है कि अभी सब कुछ ठीक नही हुआ है।

उक्त शिकायती पत्र सोनभद्र के एक निजी पी जी कालेज में अध्ययनरत बी एड के छात्रों ने छात्रवृत्ति व अन्य कुछ सुविधाओं के नाम पर कालेज प्रबंधन द्वारा की जा रही धन उगाही से हो रही उनके मानसिक व आर्थिक शोषण से मुक्ति हेतु जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। उक्त शिकायती पत्र की जांच करने उक्त कालेज में पहुंचे अधिकारी के जांच करने के तरीके पर भी उक्त कालेज के कुछ छात्रों ने सवाल उठाए हैं।छात्रों का कहना है कि उक्त अधिकारी जो जांच करने आये हैं कालेज के स्टाफ से बात चीत कर चले गए।जब कालेज प्रबंधन पर ही पैसा वसूली का आरोप लग रहा है और जांच अधिकारी उन्हीं से पूछ रहे हैं तो ऐसे में सच्चाई को कौन सामने लाएगा ?

छात्रों का सवाल अपनी जगह सही भी है जब जांच अधिकारी कालेज में जांच करने गए तो उन्हें छात्र छात्राओं से भी बात चीत करनी चाहिए ,साथ ही कालेज प्रबंधन व छात्रों के बीच जो सुलगते सवाल हैं उन्हें भी सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।अब जिसकी जांच करने गए हैं यदि उसी की बात सुनने जांच अधिकारी कालेज गए थे तो जांच प्रक्रिया पर तो सवाल उठेगा ही।खैर परिणाम चाहे जो हो इस प्रकरण से एक बात तो साफ है कि सरकार चाहे जितना जतन कर ले पर भृष्टाचारी अपना रास्ता तलाश ही ले रहे हैं।
