—सिस्टम का करिश्मा: ज़िंदा हुआ मुर्दा!!
–थाने के इर्दगिर्द टहलता है मुर्दा!! यह कपोल कल्पना नहीं जनाब हकीकत है!!
थाना क्षेत्र में मुर्दा का है राज!!
यही नहीं थाना के गेट पर बेचता है चाय। हैरानी की बात यह है कि पुलिस वालों को चाय भी पिलाता है मुर्दा!! आइये इसके पीछे की असली कहानी बताते हैं आपको। जिसे अदालत ने मुर्दा घोषित कर दिया हो उसे हम आप ज़िंदा नहीं कह सकते हैं। क्योंकि इससे माननीय न्यायालय की अवमानना समझा जायेगा।
अदालत ने सालों पहले जिसे मुर्दा घोषित किया। पुलिस थाना के सामने वह मुर्दा बेखौफ टहलता है।
हैरतअंगेज मामला कौशाम्बी जिले के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र का है। एक व्यक्ति को साजिश करके अदालत से मुर्दा घोषित करा दिया गया।
पश्चिम शरीरा थाने के सामने चाय की दुकान रखकर तमंचा बेचने वाले एक आरोपी को पश्चिम शरीरा पुलिस ने तमंचा के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन पुलिस के प्रमाण पत्र के बाद यह आरोपी अदालत में मृत घोषित होकर मुकदमे से बरी हो गया। अदालत में मृतक घोषित होने के बाद यह आरोपी पश्चिम शरीरा थाने के सामने बीते 15 वर्षों से चाय की दुकान चलाकर पुलिसकर्मियों को चाय पिला रहा था। कुछ महीने पहले थाने के अभिलेखों में मृतक हो चुके उक्त अपराधी की चर्चा खबरों में प्रकाशित हुई। जिस पर पुलिस सक्रिय हुई और अदालत में मृतक घोषित अपराधी फरार हो गया।
थाने के सामने मौजूद होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। कुछ दिन बाद फिर मामला ठंडा हो गया। फिर मुर्दा का डंडा होना बंद हो गया। इन दिनों अदालत का यह मृतक अपराधी फिर से पश्चिम शरीरा थाने के आसपास दिखाई पड़ता है। कुछ दिनों पूर्व एक जमीनी विवाद में अदालत का यह मृतक अपराधी पश्चिम शरीरा थाना पुलिस के पास शिकायत लेकर भी गया था। परन्तु उसके बाद भी अदालत के इस मृतक को पश्चिम शरीरा पुलिस ने गिरफ्तार नही किया।
अदालत से मृतक घोषित हो कर तमंचा बेचने वाला यह अपराधी फरार चल रहा है। अदालत से मृतक होने के बाद यह मुर्दा अपराधी इलाके में घूम घूम कर कब तक कानून को चुनौती देता रहेगा। दिलचस्प बात यह है कि अगर पुलिस उक्त मुर्दा अपराधी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करती है तो क्या होगा? अदालत ने जिसे मुर्दा घोषित कर दिया उस मुर्दा को ज़िंदा कैसे करेगी? उस मुर्दा को अदालत किस एक्ट में सज़ा सुनायेगी? मुर्दे की गिरफ्तारी के बाद देखना बेहद दिलचस्प होगा कि मुर्दे के ऊपर CRPC एवं IPC की कौनसी धारा लगेगी?
यहाँ यह बात स्मरणीय है कि एक थानेदार की कारस्तानी के चलते अदालत की आंखों में धूल झोंककर दस्तावेज़ कोर्ट में पेशकर उसे मुर्दा घोषित करा दिया गया था।उक्त अपराधी की गिरफ्तारी कराए जाने के बाद जिंदा को मृतक घोषित करने वाले तत्कालीन थानेदार के कारनामों की जांच हुई तो तत्कालीन पश्चिम शरीरा थानेदार पर भी बड़ी कार्रवाई होना तय है।