सोनभद्र (sonbhadra news)। बिना परमिट या फिर ओभरलोड खनन सामग्री लेकर परिवहन करने वाले वाहनों की जांच हेतु जिला प्रशासन जितनी अधिक सख्ती बरत रहा है उतनी ही अधिक तेजी से इन ओभरलोड या बिना परमिट के खनन सामग्रियों को लेकर परिवहन कराने वाले गैंग से जुड़े लोग नया रास्ता तलाश कर उन रास्तों से प्रशासन की आंख में धूल झोंककर अपने वाहनों को सेफ जोन में पहुंचा कर गाडियों को बाहर भेज दे रहे हैं।

यहां आपको बताते चलें कि ओबरा,बिल्ली मारकुंडी या फिर डाला क्षेत्र से गिट्टी लोड कर परिवहन करने वाले वाहनों की जांच हेतु टोलप्लाज़ा से आगे खनन विभाग द्वारा सड़क पर लगे कैमरों से निगरानी रखने का कार्य किया जाता है और उसके थोड़ा आगे बढ़ते ही परिवहन विभाग के कार्यालय के पास सड़क पर खनिज जांच चौकी पर बैरियर लगाकर भी चौबीसों घंटे जांच की जा रही है जिसकी वजह से बिना परमिट या ओभरलोड वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया था।इससे बचने के लिए ओभरलोड या बिना परमिट खनन सामग्री लेकर परिवहन करने वाले वाहनों को पास कराने वाले पासर गैंग के गुर्गों ने इन दुष्वारियों से बचने के लिए एक नया रास्ता ही तलाश लिया जो वन विभाग की सड़कों से होकर गुजरता है और खनन विभाग के कैमरे तथा जांच चौकी दोनों से ही बचा ले जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक खननही गुर्मा होते हुए लौवा से वार परसौना वाया घाघर नहर को सेफ जोन समझने वाले वगैर परमिट व नंबर की खनिज लदी ट्रक दिन रात सड़क रौदते हुए निकल रही है।इन ग्रामीण सड़कों के किनारे बसे गांव के लोगों का कहना है कि एक तो सिंगल सड़क उस पर खनन सामग्री लेकर दिन रात चलने वाली इन ट्रकों से हमेशा ही डर लगा रहता है कि कब किसी को चपेट में लेकर उसकी जीवनलीला को सड़क पर रौंदते हुए आगे बढ़ जाये कहा नहीं जा सकता।
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अभी कुछ दिनों पूर्व ही कुछ इसी तरह की शिकायत पर मंडलायुक्त मिर्जापुर ने उक्त सड़क पर ओचक निरीक्षण किया जिसमें उन्होंने कई ट्रक बिना परमिट के पकड़ा जिसे बन्द कराने की कार्यवाही की गई। ग्रामीणों के मुताबिक मंडलायुक्त की इस कार्यवाही के बाद कुछ दिनों तक इन सड़कों से खनन सामग्री लेकर ओभरलोड वाहनों के पहिये बन्द जरूर रहे पर इधर कुछ दिनों से फिर से उसी तरह बिना परमिट ओभरलोड वाहनों ने इस रास्ते फर्राटे भरने लगे हैं।आज तड़के खनन विभाग की टीम वन विभाग की एरिया के बाहर सड़क पर निकली तो ओभरलोड बिना परमिट खनन सामग्री लेकर परिवहन कर रही सात ट्रके खनन विभाग के हत्थे चढ़ गई तथा पांच ट्रक भागने में कामयाब हो गयी।
फिलहाल यहां सवाल यह है कि बिना परमिट ओभरलोड खनन सामग्री लेकर परिवहन करने के लिए उक्त रास्ता इतना सेफ जोन क्यूँ बन गया है जबकि उसी रास्ते पर गुर्मा पुलिस चौकी स्थापित है ?क्या पुलिस की निगाह इन बड़े बड़े वाहनों पर नहीं पड़ रही या फिर जानबूझ कर इन वाहनों को नजरअंदाज किया जाता है ?अब आते हैं वन विभाग की कार्यशैली पर ,जहां वन विभाग अपने वन क्षेत्र से गुजरने वाले मार्गों की दूसरे विभागों से न तो मरम्मत करने देता है और न ही जनहित के लिए नई सड़कों को बनने देता है वह वन विभाग दिन रात उसके एरिया से ओभरलोड बिना परमिट लिए सड़कों को रौंदती इन ट्रकों को आखिर क्यूँ गुजरने दे रहा है ?यहाँ आपको यह भी बताते चलें कि यह वही वन विभाग है जो भोजन बनाने के लिए एक गट्ठर लकड़ी काट लेने के एवज में वनवासियों पर वन माफिया घोषित करने तक की कार्यवाही करने से नहीं हिचकते वहीं दिन रात इनकी एरिया से गुजरने वाले इन वाहनों के प्रति इनकी चुप्पी को क्या समझा जाय ?
