कल की सुनवाई में याचिका कर्ता की तरफ से अभिषेक कुमार चौबे अधिवक्ता हाईकोर्ट ने बहस किया। बहस के द्वौरान मा० न्यायमूर्ति गण ने यूनियन ऑफ इण्डिया, राज्य सरकार व याचिका कर्ता के अधिवक्तों से कोर्ट को प्राप्त शक्ति अन्तर्गत आर्टिकल 226 बाबत विधायिका/संसद को जेजिस्लेशन बनाने हेतु निर्देश जारी करने के बारे में अपना-अपना पक्ष रखने हेतु निर्देशित किया। तथा 16 सितम्बर, 2022 को अगली सुनवाई हेतु तिथि निश्चित की गयी है।
याचिका कर्ता दिनेश बियार ने कहा कि सेन्सन आफ ब्रिटिस इण्डिया बैलूम-1 सन् 1881 की रिपोर्ट सेन्सस आफ इण्डिया 1931, संयुक्त प्रान्त गजेटियर 1911 डिस्टिक गजेटियर मीरजापुर 1988 के रिकार्डो में बियार जाति को जनजाति कहा गया है। द गजट आफ इण्डिया 20 सितम्बर, 1951 के अनुसार विन्ध्य प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की सूची कमांक-13 पर दर्ज है।
इन सभी तथ्यों के आधार पर मा० उच्च न्यायालय एवं केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से अपेक्षा करता हूँ कि वंचित बियार जाति को उ0प्र0 में अनुसूचित जनजाति में शामिल कराया जाय। जिस तरह जनपद सोनभद्र के पास मध्य प्रदेश व छत्तीस गढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति के सूची में सूचीबद्ध हैं।