Thursday, April 25, 2024
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ग्राम पंचायतों में लगी स्ट्रीट लाइटों का हो रहा सत्यापन,घोटाला खुलने की आहट से फूल रही कईयों की सांसें

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पिछले डेढ़ दो वर्षों में ग्रामीण अंचलों में रात्रि के समय पथ प्रकाश की व्यवस्था सुदृढ करने हेतु शासन के निर्देश के क्रम में सोनभद्र की ग्राम पंचायतों में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों में बड़े घोटाले के जताए जा रहे अंदेश के बीच सीडीओ सौरभ गंगवार ने ब्लाकवार जांच टीम गठित कर लगी स्ट्रीट लाइटों के सत्यापन का आदेश निर्गत कर दिया है।सीडीओ की तरफ से गठित की गई टीमों ने ब्लाकवार मामले की जांच शुरू भी कर दी गई है । ब्लॉकवार गठित जांच टीम में जहां एक इंजीनियर और एक जिला स्तरीय अधिकारी को शामिल किया गया है वहीं लगाई गई स्ट्रीट लाइटें किस ब्रांड की हैं और उन पर अंकित बार कोड की स्थिति क्या है ? स्थापित लाइट अनुमन्य ब्रांड की है या नहीं , इन सारी चीजों की जांच और इसकी रिपोर्ट में उसका उल्लेख फोटोग्राफ सहित उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ।

यहां आपको बताते चले कि पिछले कुछ समय से पंचायत विभाग में हुए घोटाले की वजह से काफी चर्चा में रहा है तथा काफी मीडिया की सुर्खियां बटोरी है।कभी बेंच घोटाला तो कभी बिना क्रियाशील हुए ही ग्राम पंचायतों में बने सार्वजनिक सौचालय के रख रखाव के लिए उसके केयर टेकर के रूप में कार्य करने वाले को पैसों का ट्रांसफर करना रहा हो अथवा अब स्ट्रीट लाइट लगाने में की गई घपलेबाजी की जांच।यहां आपको बताते चलें कि जिले में पिछले दो साल के भीतर ग्राम पंचायतों में बड़े स्तर पर स्ट्रीट लाइटों के स्थापना का कार्य किया गया है । जिले में ऐसी कई ग्राम पंचायते हैं , जहां बगैर टेंडर के ही स्ट्रीट लाइटें लगाने और उसका भुगतान ऐसी फर्म को किए जाने का मामला सामने आ चुका है , जो बेंच घोटाले जैसे मामलों में चर्चित रह चुकी हैं । इसको लेकर लंबे समय से जहां इनकी जांच के बाबत जिले के तमाम लोगो की तरफ से सवाल उठते रहे हैं वहीं गत 20 अगस्त को सोनभद्र के दौरे पर आए विभागीय मंडलीय उप निदेशक भी इसको लेकर नाराजगी का इजहार कर चुके हैं और सलखन सहित अन्य ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट सहित अन्य कार्यों की जांच के लिए निर्देश भी जारी कर चुके हैं ।

इन सारी स्थितियों के मद्देनजर ही मुख्यविकास अधिकारी ने पिछले कुछ वर्षों में ग्राम पंचायतों द्वारा स्थापित की गई स्ट्रीट लाइटों के सत्यापन का निर्देश जारी कर जांच टीम गठित कर दिया है।अब जब मुख्य विकास अधिकारी की तरफ से ब्लाकवार गठित की गई टीमों ने जांच शुरू कर दी है तो ग्राम पंचायतों में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है । इसमें कई सचिवों के साथ ही वर्तमान और पूर्व प्रधान की भूमिका पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं । करीब – करीब जहां भी स्ट्रीट लाइट लगी हैं सभी ब्लाकों में इसके स्थापना में गड़बड़ी की बात कही जा रही है और जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे ही घोटाले में संलिप्त लोगों की सांसें फूलती नजर आ रही है। अब उक्त जांच की आंच में कौन झुलसेगा यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा पर यह तो निश्चित ही है कि किसी न किसी की बलि चढ़ेगी।सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नगवां , राबटर्सगंज , म्योरपुर , बभनी और घोरावल में स्ट्रीट लाइट स्थापना में सबसे अधिक गड़बड़ी और बगैर टेंडर सबसे ज्यादा स्ट्रीट लाइटों की स्थापना होने की चर्चा है ।

इनको इनको सौंपी गई है सत्यापन की जिम्मेदारी — चोपन ब्लाक के लिए जिला सहायक निबंधक सहकारिता मिहिर कुमार पात्र , सहायक अभियंता लघु सिंचाई राहुल कुमार , घोरावल ब्लाक के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव कुमार सिंह , सहायक अभियंता आरईडी सूर्यप्रकाश , करमा ब्लाक के लिए जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गिरिजाशंकर , सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी अनिल कुमार सिंह , राबटर्सगंज ब्लाक के लिए डीआईओएस आरपी यादव , एई पीडब्ल्यूडी मनीष कुमार यादव , चतरा ब्लाक के लिए जिला परियोजना अधिकारी नेडा चंद्रशेखर , एई जल निगम अरूण सिंह , बभनी ब्लाक के लिए जिला कृषि अधिकारी हरिकृष्ण मिश्रा , एई लघु सिंचाई महेश सिंह , म्योरपुर ब्लाक के लिए डीडी कृषि दिनेश कुमार , एई नंदन कुमार , नगवां ब्लाक के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राजेश कुमार खैरवार , जेई आरईडी कलिंद्र सिंह , दुद्धी ब्लाक के लिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी जनार्दन कटियार , एई जितेंद्र कुमार तिवारी , कोन ब्लाक के लिए जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी विनोद कुमार , जेई पीडब्ल्यूडी प्रवीण कुमार को जांच अधिकारी बनाया गया है ।

मिली जानकारी के मुताबिक सीडीओ की तरफ से जारी किए गए निर्देश में किस – किस ब्रांड की स्ट्रीट लाइटें अनुमन्य हैं , इसकी भी जानकारी दी गई है । बताया गया है कि बजाज , सिस्का , क्रांपटन , ओरिएंट , बिप्रो , फिलिप्स , हैवेल्स , पैनासोनिक , सूर्या , हेलोनिक्स , एवरेडी मेक लाइट , पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड और एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पावर लिमिटेड को ही लाइटें अनुमन्य हैं ।

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