भारतीय रेलवे ने नोटिस जारी कर नई मुसीबत मोल ले ली है। छात्रों ने रेलवे की ओर से जारी नोटिस को भड़काने वाली कार्रवाई करार दिया है। छात्रों का आंदोलन पहले से ज्यादा तेज हो गया है। अब छात्रों ने रेल मंत्री को बुलाने की मांग की है।
इलाहाबाद। रेलवे भर्ती बोर्ड के नॉन-टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी ( आरआरबी एनटीपीसी ) परीक्षा के परिणाम में कथित गड़बड़ी को लेकर विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। इस बीच भारतीय रेल ने संपत्ति से छेड़छाड़ की तो आजीवन नौकरी के लिए हो जाएंगे अयोग्य, का नोटिस जारी कर नई मुसीबत मोल ले ली है। छात्रों का आंदोलन पहले से ज्यादा तेज हो गया है। अब छात्रों ने रेल मंत्री को बुलाने की मांग की है। ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रेलवे के इस नोटिस का जमकर विरोध हो रहा है।
रिजल्ट में सुधार होने तक जारी रहेगा आंदोलन
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि 13 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में बोर्ड द्वारा कई पदों के लिए एक ही उम्मीदवार का चयन किया गया है, जिसके कारण कई छात्र सलेक्शन से वंचित हो गए हैं। आक्रोशित छात्रों का कहना है कि रिजल्ट में जब तक सुधार नहीं होगा उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। आक्रोशित छात्र रेल मंत्री को बुलाने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर अभ्यर्थियों आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर बवाल काटने के बाद अभ्यर्थियों ने मंगलवार को रेलवे के सर्विस इंजन को आग के हवाले कर दिया था।
आरआरबी एनटीपीसी भर्ती में धांधली का आरोप
बता दें कि अभ्यर्थियों ने रेलवे भर्ती बोर्ड के नॉन-टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (आरआरबी एनटीपीसी) परीक्षा के परिणाम में कथित गड़बड़ी को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया था। सोमवार को पटना और आरा से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब यूपी में भी फैल गया है। अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने कोचिंग केंद्रों से संपर्क करके अभ्यर्थियों के बीच जागरूकता फैलाने की अपील की है।
सवा करोड़ अभ्यर्थी हुए थे परीक्षा में शामिल
जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी परीक्षा में करीब 1.25 करोड़ अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसका परिणाम इस महीने की शुरुआत में आया था। रेलवे ने पहले कहा था कि वह 35,281 पदों को भरने पर विचार कर रहा है। इनमें से 13 श्रेणियों में 24,281 पद स्नातक के लिए थे और छह श्रेणियों में 11,000 पद गैर-स्नातक के लिए थे। इन 13 श्रेणियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के वेतनमान स्तर (स्तर 2, 3, 4, 5 और 6) के आधार पर पांच समूहों में विभाजित किया गया था। इन पदों में ट्रेन असिस्टेंट, गार्ड, जूनियर क्लर्क, समयपाल और स्टेशन मास्टर शामिल हैं। लेवल 2 की नौकरी पाने पर शुरुआती वेतन लगभग 19,000 रुपए है और इसके लिए कक्षा 12 पास होना आवश्यक है। स्टेशन मास्टर जैसे लेवल-6 के पद के लिए स्नातक होना जरूरी है, लेकिन शुरुआती वेतन लगभग 35,000 रुपए है। उम्मीदवारों का आरोप है कि पिछले साल आयोजित कंप्यूटर आधारित टेस्ट-1 के दौरान लेवल 2 की परीक्षा में उच्च योग्यता वाले उम्मीदवार बैठे।
रेलवे ने नोटिस जारी कर छात्रों को भड़काने का काम किया
दूसरी तरफ इंडियन ने रेलवे नोटिस जारी कर उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो अपनी मांगों के पूरे नहीं होने पर रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं और रेल परिचालन पर असर डालते हैं। विभाग का कहना है कि इससे न केवल रेलवे को नुकसान पहुंचता है, बल्कि ट्रेन पर सफर कर रहे लाखों लोग और वे लोग जो स्टेशनों पर अपनी ट्रेनों की प्रतीक्षा में बैठे होते हैं, उन्हें भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रेल विभाग ने एक सामान्य नोटिस में रेलवे ने कहा, ”इस तरह की दिशाहीन गतिविधियां अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा हैं, जो ऐसे लोगों को रेलवे में भर्ती के अयोग्य बना देती हैं। इस तरह की गतिविधियों के वीडियो का परीक्षण किया जाएगा। गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल अभ्यर्थियों या नौकरी के इच्छुक अन्य लोगों की रेलवे में भर्ती पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। ऐसे लोग अपने खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए खुद जिम्मेदार होंगे। छात्रों ने रेलवे की ओर से जारी नोटिस को भड़काने वाली कार्रवाई करार दिया है।
बर्बरता के खिलाफ बीएचयू में प्रतिरोध सभा
2019 में RRB NTPC ने कुल 103739 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी परीक्षा 2021 में संपन्न हुई और इसका परिणाम हाल ही में 15 जनवरी को घोषित हुआ है। इसमें भारी धांधली की आशंका जाहिर करते हुए गुस्साएं छात्र-छात्राओं ने पटना और आरा रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा होकर ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया। इस पर सत्ता ने छात्रों को उनके अपने अधिकार को मांगने पर उनपर लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले दागे।
नौजवानों की बेरोजगारी की स्थिति और उन पर पुलिसिया दमन के खिलाफ ‘भगत सिंह छात्र मोर्चा’ ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए एक सभा की, जिसे बीएचयू प्रशासन ने रोकने की कोशिश की और छात्र-छात्राओं से हाथापाई भी की गई। इसके आलावा कुछ एबीवीपी के लंपट गिरोह ने सरकार के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए अड़चन उत्पन करने की असफल कोशिश की। इस बीच भगत सिंह छात्र मोर्चा ने पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी और विरोध प्रदर्शन को मजबूती से संपन्न किया। सरकार से मांग की कि इस धांधली उचित करवाई करे और दोषियों पर कार्यवाही करे।