Thursday, May 2, 2024
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उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही , अब तक 34 लोगों की मौत

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नैनीताल । जिले के रामगढ़ में बादल फटा है और यहां कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। कई जगहों पर पहाड़ गिरने की वजह से सड़कें बंद हो गयी हैं।

मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड में कहर बरपाया है। नैनीताल ज़िले में बादल फटने की घटना हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और 5 लोग लापता हैं। राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोगों को बचाने के लिए सेना लगाई गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। प्रशासन लोगों की मदद में जुटा हुआ है। 

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य के हालात के बारे में जानकारी दी है। धामी ने कहा है कि कई जगहों पर मकान, पुल आदि टूट गए हैं। सेना के तीन हेलिकॉप्टर बचाव कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने कहा है कि मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और जिनके घर तबाह हुए हैं उनको 1.09 लाख रुपये दिए जाएँगे।

इससे पहले उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने एएनआई को बताया था कि अधिकतर मौत नैनीताल ज़िले में हुई हैं। उन्होंने कहा कि रामनगर-रानीखेत रोड पर स्थित एक रिजॉर्ट पर लगभग 200 लोग फंस गए थे, उन्हें निकाल लिया गया है।

केरल के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य है, जहां पर बारिश ने रौद्र रूप दिखाया है। राज्य के नैनीताल जिले में लगातार बारिश के कारण सड़कों में पानी भर गया है। नैनीताल की झील का पानी ओवरफ्लो हो गया है और यह झील से निकलकर सड़कों, दुकानों, घरों और आसपास के इलाक़ों में घुस गया है। लोगों को घरों से निकाला जा रहा है। 

दुनिया से कटा संपर्क 

नैनीताल जिले के रामगढ़ में बादल फटा है और यहां कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। घायलों को निकालकर महफूज इलाक़ों में पहुंचाया गया है। कई जगहों पर पहाड़ गिरने की वजह से सड़कें बंद हो गयी हैं और नैनीताल का संपर्क दुनिया से कट गया है। कई जगहों पर रेलवे लाइनों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। 

नैनीताल जिले के कई इलाक़ों में पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। नैनीताल की माल रोड और नैना देवी मंदिर के तट पानी में डूब गए हैं। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि मंगलवार से बारिश की रफ़्तार कुछ कम होगी। 

मौसम विभाग ने कहा है कि कुमाऊं इलाके के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है जबकि गढ़वाल में आने वाले दिनों में बारिश नहीं होने का अनुमान है। 

कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिले पिथौरागढ़ में भी मूसलाधार बारिश के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ जिलों की सीमा पर पहाड़ दरक गया और इस वजह से लोग कई घंटों तक रास्ते में ही फंसे रहे। कुमाऊं मंडल के मैदानी इलाक़ों में भी जोरदार बारिश हो रही है। 

गढ़वाल मंडल में भी कुछ लोगों की मौत हुई है। लगातार बारिश के कारण चारधाम यात्रा रोक दी गई है। बदरीनाथ-केदारनाथ हाईवे बाधित हो गया है, जिसे खोलने की कोशिश की जा रही है। 

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