सोनभद्र । उत्तर प्रदेश के बेसिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में बेसिक शिक्षा विभाग 1100 रुपये डाल रहा है। दरअसल ये धनराशि, उन्हें शैक्षिक सत्र 2022-23 में यूनीफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर व जूता-मोजा खरीदने के लिए दी जानी है। जिसके चलते विभाग अभिभावकों के बैंक खातों में प्रति छात्र-छात्रा 1100 रुपये का भुगतान कर रहा है।
आपको बता दें कि यूपी बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शैक्षिक सत्र 2021-22 में पहली बार कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले पात्र छात्र-छात्राओं को यूनीफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर व जूता-मोजा खरीदने के लिए धनराशि अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी गई थी। अब नए शैक्षिक सत्र में भी धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजे जाने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए खातों को आधार से जोड़ा जाना जरूरी है।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। प्रमुख सचिव ने आदेश दिया है कि वे 20 मई तक धन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी कर लें। जो दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं उसके मुताबिक विद्यालयों में भी नव-नामांकित सभी छात्र-छात्राओं को प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कराया जाए। वहीं पहले से पंजीकृत छात्र-छात्राओं को नवीनीकृत कराया जाए।
प्रमुख सचिव की तरफ से जारी किये गये निर्देश में इस बात का भी ज़िक्र है कि 2021-22 में लाभान्वित छात्र-छात्राओं को नए शैक्षिक सत्र में तभी लाभ दिया जा सकता है, जब उन्होंने धनराशि से संबंधित सामग्री खरीद ली हो।
इस संबंध में प्रधानाध्यापक मोबाइल एप पर इसकी सूचना व यूनीफार्म आदि से सुसज्जित छात्र-छात्रा का फोटो अपलोड करेंगे। मोबाइल एप पर फोटो अपलोड करने की सुविधा दी जा रही है। अभिभावकों को भुगतान पिछले वर्ष की तरह मोबाइल एप के माध्यम से ही किया जाएगा।
स्कूलों में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं का आधार नंबर व उनके अभिभावकों का आधार नंबर और उनकी सहमति पत्र के साथ विद्यालय के प्रधानाध्यापक को दिया जाएगा। जिन छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड न बना हो उनका आधार, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध आधार किट्स के माध्यम से कहीं अन्यत्र से तत्काल बनवाया जाए।
इसके लिए संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक व खंड शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे। विद्यालय स्तर पर रखे छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों के आधार का प्रमाणीकरण प्रेरणा डीबीटी मोबाइल एप के माध्यम से प्रधानाध्यापक व शिक्षक कराएंगे।
पाठ्य पुस्तकें वापस लेने का निर्देश
पुराने विद्यार्थियों से पाठ्यपुस्तकें वापस लेने का निर्देश भी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मिला है। नई पाठ्यपुस्तकों की छपाई में देरी इसकी वजह बतायी जा रही है। लिहाजा नई पुस्तकें उपलब्ध होने तक अंतरिम व्यवस्था के तहत 2021-22 में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों की पुरानी पाठ्य पुस्तकों को जमा कर लिया जाए, ताकि इन्हें नए सत्र में बच्चों को दिया जा सके।