Monday, April 29, 2024
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स्वच्छता अभियान की उड़ रही है धज्जियां, जोगिनी ग्राम वासी नारकीय जीवन जीने को हैं मजबूर, आखिर जिम्मेदार क्यों हैं मौंन ?

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अधिकारियों के सह पर सफाई कर्मी है बेपरवाह, जिम्मेदार के मौन पर जनता है हलकान ?

करमा/सोनभद्र (जितेन्द्र कुमाशुक्ला)

विकासखंड करमा क्षेत्र का ग्राम सभा जोगिनी में महीनों से साफ सफाई की व्यवस्था ठप है।गांव की नालियां बज बजा रही हैं। पूरे ग्राम सभा में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ग्रामसभा जोगनी के रहवासी साफ-सफाई को लेकर ग्राम प्रधान को कोस रहे हैं। दूसरी तरफ ग्राम प्रधान अपनी लाचारी दिखा रहे हैं।

पूछे गए एक सवाल के जवाब में ग्राम प्रधान ने बताया कि इधर 2 महीने से ग्राम सभा में सफाई करने वाला सफाई कर्मी नहीं आ रहा है। । इसकी शिकायत भी ग्राम प्रधान स्तर से एडीओ पंचायत से लगायत डीपीआरओ तक किया जा चुका है फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है।

इस संबंध में हमारे संवाददाता से वार्ता करते हुए एडीओ पंचायत करमा बृजेश सिंह ने बताया कि जोगिनी ग्राम सभा में सफाई होने की कोई समस्या नहीं है। लोग बेवजह मामले को बढ़ा रहे हैं। इस मामले में खंड विकास अधिकारी द्वारा उक्त गांव में सफाई व्यवस्था बेपटरी हो जाने के सवाल पर बार-बार अनभिज्ञता जाहिर की जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि सफाई कर्मी के अनुपस्थिति में उसके ऊपर ब्लॉक प्रशासन का पूरा का पूरा प्रशासन सहयोगी की भूमिका में है। इसी कारण जोगिनी ग्रामसभा में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं। सफाई व्यवस्था ठप है। फिर भी एडीओ पंचायत को कोई समस्या नजर नहीं आ रही है और ग्रामवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

यदि ग्रामसभा जोगनी में पहुंचकर वरिष्ठ जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया जाए तो दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा। परंतु इतना तो साफ है कि ब्लॉक स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता भी प्रत्यक्ष है, वर्ना दो महीने से गायब सफाई कर्मी के विरुद्ध अब तक कार्यवाही हो जाती जबकि उक्त सफाई कर्मी की शिकायत उच्चाधिकारियों से ग्राम प्रधान द्वारा बार-बार किया गया है फिर भी अधिकारीयों द्वारा कार्यवाही करने के बजाय, सफाई कर्मी का बार-बार बचाव किया जा रहा है।

गांव के लोग सफाई कर्मी के विरुद्ध अब तक आवश्यक कार्यवाही क्यों नहीं हो पा रही यह गुत्थी सुलझाने में खुद को असमर्थ।पा रहे और थक हार यह मान लिए हैं कि चाहे लाख प्रयास हो पर रिजल्ट वही ढाक के तीन पात ही रहना है। लोगों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा है कि आखिर उक्त सफाईकर्मी को कौन सुरक्षा कवच मुहैया करा रहा? आखिर इसका जवाब कौन देगा ? लापरवाह कर्मचारी को बचाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध जांच कौन करेगा ? आखिर अधिकारी सफाई कर्मी को क्यों बचा रहे हैं ? कुछ इसी तरह के सवालों से जूझते गांव के लोग अपना समय गुजार रहे हैं।

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