Friday, April 26, 2024
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सोसल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सोनभद्र के शक्तिनगर थाने की वसूली की सूची वायरल, पढ़ें पूरी सूची,किससे कितने की होती है वसूली,पुलिस विभाग में हड़कम्प

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यूँ तो सोनभद्र नक्सल प्रभावित जनपद है, लेकिन यहां तैनात दरोगाओं को नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्यूटी करना नागवार गुजरता है । जैसे हर नौकरी में शीर्ष पद पर पहुंचने की हर किसी की लालसा होती है, उसी प्रकार सोनभद्र में तैनाती के दौरान हर इंस्पेक्टर हो या फिर दरोगा व सिपाही सभी की केवल एक ही ख्वाइश होती है कि वह कुछ महीनों के लिए ही सही शक्तिनगर, अनपरा, रेनुकूट, बीजपुर, डाला, चोपन व ओबरा में पोस्ट हो जाय । उक्त थानों-चौकियों पर पोस्ट होने वाले पुलिसकर्मी इसे किसी मेडल से कम नहीं समझते और पोस्टिंग के बाद विभाग में उसी तरह यह बताते हुए नहीं थकते मानो लड़ाई में किसी सैनिक ने दूसरे देश की सेना को अकेले ही परास्त कर दिया हो।


यूँ तो पूर्व के दिनों में नक्सल फ्रंट पर बेहतर काम करने के कारण कई पुलिस कर्मियों को प्रमोशन के साथ ही सम्मान के तौर पर इन मलाईदार थानों पर पोस्टिंग भी भी मिलती थी । मगर बाद में नक्सल फ्रंट पर कोई काम नहीं करना चाहता बस सोनभद्र आते ही इंस्पेक्टर से लेकर दरोगा व सिपाही इन मलाईदार थानों पर पोस्टिंग के जुगाड़ में लग जाते हैं ।

आखिर क्यों हर पुलिस कर्मी शक्तिनगर, अनपरा, रेनुकूट, बीजपुर, डाला, चोपन व ओबरा में ही नौकरी करना चाहता है ? इसे लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं ? पर सोशल मीडिया पर शक्तिनगर थाने में चल रही अवैध वसूली की सूची के वायरल होते ही इन थानों पर पोस्टिंग का राज खुल गया है। सोसल मीडिया पर वायरल सूची ने ख़ाकी को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है ।

कानपुर के रक्षक जन मोर्चा पार्टी के पारुल यादव ने ट्विटर पर एक वसूली की लिस्ट जारी किया है । साथ में मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा कि किस तरह शक्तिनगर पुलिस भ्रष्टाचार में लिप्त होकर हर महीने लाखों रुपये वसूली कर रही है । एड0 पारुल यादव ने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग भी की है ।

पारुल यादव द्वारा अपने ट्विटर में जो वसूली सूची टैग किया है, उस सूची के मुताबिक शक्तिनगर थाना द्वारा कुल 17 जगहों से वसूली की जाती है । पारुल ने बाकायदा नाम और वसूली की हो रही रकम सहित सूची जारी की है।

हाथ से लिखे इस सूची के मुताबिक राजाराम कबाड़ी से एक लाख, मुनीब कबाड़ी से एक लाख, सलीम कबाड़ी से 75 हजार, योगेंद्र कबाड़ी से 50 हजार, सत्यांश मिश्रा कबाड़ी से 65 हजार, डीजल चोरी करने वाले कथित मुर्तजा खान से एक लाख, मुकेश से एक लाख, चंदू से एक लाख, बाबू अंबेडकर नंबर से बीस हजार, कोयला चोरी करने वाले कथित रवींद्रनाथ चौबे से डेढ़ लाख, एसटीएफ के निशाने पर आए गिरोह के नायडू से एक लाख, राजेश बैसवार से एक लाख, गांजा तस्करी कराने वाले कथित अंब्रेश पांडेय से दो लाख, आउटसोर्सिंग कंपनियों में बीजीआर से एक लाख, वीपीआर से एक लाख, पीसी पटेल से 75 हजार, एसए यादव से पचास हजार, पीएस कंस्ट्रक्शन से पांच लाख, कोल ट्रांसपोर्टर आरटीएल से एक लाख, बीआरएसी से दस हजार, ओम से पचास हजार, यूनाइटेड से पचास हजार, प्रीती मोटर से बीस हजार, दो पेट्रोल टंकी से बीस-बीस हजार वसूल की जाती है ।

यह सूची जारी होते ही सोनभद्र सहित पुलिस मुख्यालय में भी हड़कम्प मच गया । हालांकि पुलिस अधीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं । इस पूरे मामले की जांच सीओ पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल को दिया गया है।यहां आपको बताते चलें कि पूर्व में भी कुछ वर्ष पहले कोयला चोरी कराने वाले गिरोह पर सीबीआई की पड़ी रेड में भी वहां से मिली डायरी में भी पुलिस को दी जाने वाली रकम की भी खूब चर्चा रही पर बाद में सब मामला रफा दफा हो गया।

फिलहाल जांच में क्या निकल कर सामने आता है यह तो बाद में साफ हो सकेगा । मगर हाईप्रोफाइल इस प्रकरण के बाद सिर्फ शक्तिनगर ही नहीं बाकी मलाईदार थाने भी सकते में हैं।

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