Sunday, April 28, 2024
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पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा ने मनाया मजदूर दिवस

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सोनभद्र। अलग पूर्वांचल राज्य की मांग कर रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जन मोर्चा द्वारा 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पूरब मुहाल रावटसगंज सोनभद्र में मनाया गया । संगठन प्रमुख पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि मई दिवस का आयोजन कोई रस्म अदायगी नहीं है बल्कि नव उदारीकरण के मौजूदा दौर में लगातार इसकी प्रासंगिकता और भी ज्यादा बढ़ी है । आज देशों के बीच और देश के भीतर मुट्ठी भर घरानों और जनता के बीच गैर बराबरी भयावह रूप ले चुकी है। ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 10 सबसे धनवानों के पास देश की कुल संपदा का 57 फ़ीसदी हिस्सा है जबकि नीचे से आधी आबादी के पास देश की संपदा का सिर्फ 13 फ़ीसदी हिस्सा ही है।

महामारी के दौरान किए गए लॉकडाउन ने जब देश के लाखों प्रवासी परिवारों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर किया तब भी कारपोरेट घरानों के मुनाफे सैकड़ों गुना की दर से बढ़ रहे थे। बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी ,भूख और कमरतोड़ महंगाई ने गरीब तबकों के लिए तो अस्तित्व का ही संकट खड़ा कर दिया है।

समाज ने विज्ञान और तकनीक को जितनी ऊंची बुलंदियों पर पहुंचा दिया वह विकास असल में तो जनता के जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रयोग होना चाहिए था, परंतु पूंजीवाद ने उसका प्रयोग अपने मुनाफे के लिए किया और जनता को ही रोजगार से बाहर फेंक दिया। छंटनी करते हुए महिला श्रमिकों को सबसे पहले बाहर का रास्ता दिखाया जाता है।

गौरतलब है कि हरियाणा, दिल्ली, गुजरात आदि प्रदेशों में परियोजना वर्कर महिलाओं ने ही हाल में जुझारू आंदोलनों को लड़ते हुए सरकार के दमन और उत्पीड़न का सफलता से मुकाबला किया है।

राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल ने कहा कि मजदूर को मजबूर समझना हमारी सबसे बड़ी गलती है, वह अपने खून पसीने की खाता है। ये ऐसे स्वाभिमानी लोग होते है, जो थोड़े में भी खुश रहते है एवं अपनी मेहनत व् लगन पर विश्वास रखते है। इन्हें किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं होता है। यही कारण है कि उनके सम्मान और उनके वजूद को कायम रखने के लिए मजदूर दिवस का आयोजन हर वर्ष किया जाता है।

वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार कनौजिया ने कहा किसमाज में रहने वाला हर वह व्यक्ति जो शारीरिक व मानसिक रूप से मेहनत करता है, मजदूर कहलाता है। मजदूर समाज का वह अभिन्न अंग है, जो समाज को मजबूत व परिपक्व बनाता है तथा सफलता की ओर लेकर जाता है। चाहे ईंट, सीमेंट से सना व्यक्ति हो या ऑफिस में बैठा फाइलों के बोझ तले दबा व्यक्ति हो यह दोनों ही मज़दूरों की श्रेणी में आते हैं। इन्हीं के परिश्रम को प्रोत्साहन तथा सम्मान देने के लिए हर वर्ष मजदूर दिवस मनाया जाता है। संचालन शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू चौबे ने किया इस अवसर पर दीप नारायण पटेल अशोक कुमार दिनेश सिंह विवेक कुमार ललित चौबे नवीन कुमार पांडे आदि लोग उपस्थित थे ।

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