कानपुर में पुलिस वकीलों की मौजूदगी में घंटों ड्रामे के बाद पूर्व डीजीपी से दूसरा बंगला भी खाली कराया गया। बीआइसी ने पार्वती बागला रोड स्थित बंगले में सामान समेत सील लगाकर रिपोर्ट जिला जज को भेजी ।
कानपुर । मेघालय के पूर्व डीजीपी राघवेंद्र अवस्थी का पार्वती बागला रोड स्थित बंगला भी ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआइसी) ने खाली करा लिया है। छह एकड़ में फैले बंगले की बाजार कीमत 175 करोड़ आंकी गई है। बंगले पर कब्जा करने के बाद बीआइसी ने अपनी रिपोर्ट जिला जज को सौंपी है।
ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन के दो बंगलों पर कब्जा जमाए मेघालय के पूर्व डीजीपी राघवेंद्र अवस्थी को बीआइसी ने आखिरकार पूरी तरह बेदखल कर दिया। इससे पहले 18 नवंबर को खलासी लाइन स्थित बंगला सीसामन से उन्हें बेदखल कर बीआइसी ने अपना कब्जा लिया है। सीसामन की बाजार कीमत 50 करोड़ रुपये आंकी गई है। बुधवार को दोपहर 12 बजे पुलिस बल के साथ बीआइसी अधिकारियों की टीम निरबान पार्वती बागला रोड स्थित बंगला नंबर 6/29 पर पहुंच गई। बंगला खाली करने के लिए पूर्व डीजीपी से कहा गया लेकिन उन्होंने टीम को अंदर प्रवेश ही नहीं करने दिया।

पुलिस अधिकारियों ने जब उन्हें कोर्ट का आदेश दिखाया कि 23 नवंबर को बंगला खाली कराकर कोर्ट को सूचित करना है तो भी वह और उनके परिवारीजन देर तक हंगामा करते रहे। उन्होंने बंगले के हर कमरे पर अपना ताला लगा दिया। पुलिस बल को बंगला छोड़कर दूर जाने के लिए कहा। उनकी शर्त मानकर जब अधिकारियों ने बंगला खाली कराना चाहा तो वह कमरों के सामने कुर्सी डालकर बैठ गए। दवा खाने का समय बताकर लोगों को दूर जाने को कहा।
आखिरकार पुलिस अधिकारियों ने उनसे सख्ती से कहा कि चार बजे से पहले बंगला खाली करना होगा। पुलिस वाले जब जबरन हटाने लगे तो उन्होंने अपना कुछ सामान बंगले से निकलवाया। इसके बावजूद बंगले में बहुत सारा सामान अंदर ही छूट गया और पुलिस बल की मौजूदगी में बीआइसी टीम ने बंगले पर अपनी सील लगा दी।
जिला जज के आदेश पर हुई कार्रवाई
पूर्व डीजीपी राघवेंद्र अवस्थी ने बीआइसी के दो बंगलों पर कब्जा जमा रखा था। बीआइसी के अनुसार 2006 में उन्हें कंपनी का चीफ विजिलेंस आफिसर बनाया गया था। उनकी जिम्मेदारी कंपनी में होने वाले भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत पर कानूनी कार्रवाई करने की थी लेकिन उन्होंने पद पर रहते हुए दो बंगलों पर अपना कब्जा जमा लिया। उनके परिवारीजनों के शहर में दूसरे स्थानों पर मकान बने हुए हैं।

जिला जज संदीप जैन ने 11 नवंबर 2022 को बीआइसी के मुकदमे की सुनवाई में पूर्व डीजीपी को बंगले पर अवैध कब्जे का दोषी माना है और अपने आदेश में एक सप्ताह के अंदर बंगला खाली करने को कहा था। 18 नवंबर को एक बंगला खाली कराया गया जबकि पार्वती बागला रोड के बड़े बंगले को खाली करने के लिए पुलिस बल नहीं मिल रहा था। इस पर बीआइसी ने दोबारा जिला जज अदालत में 22 नवंबर को आवेदन किया। अदालत ने अपने आदेश में पुलिस कमिश्नर से कहा कि वह 23 नवंबर को बंगला खाली कराकर रिपोर्ट दें।
बीआइसी की टीम रही मौजूद
बंगला खाली करने के दौरान बीआइसी अधिकारियों की टीम मौजूद रही। बीआइसी के संपत्ति अधिकारी अनिल कुमार ने तीन अधिकारियों उप प्रबंधक मुकुल फौजदार, सहायक प्रबंधक अनिल मिश्र व विधि अधिकारी अजय त्रिपाठी की समिति बना रखी है। विधि सलाहकार डा. पवन तिवारी के साथ पहुंची टीम ने कब्जा लिया है।

पूर्व डीजीपी से वसूला जाएगा तीन करोड़ का हर्जाना
बीआइसी के खलासी लाइन और पार्वती बागला रोड स्थित दो बंगलों पर कब्जा जमाने वाले पूर्व डीजीपी राघवेंद्र अवस्थी से तीन करोड़ रुपये का हर्जाना भी वसूला जाएगा। बीआइसी के वरिष्ठ सलाहकार एडवोकेट पवन तिवारी ने बताया कि कोर्ट ने राजस्व की तरह पूर्व डीजीपी से हर्जाना, जुर्माना वसूलने का आदेश दे रखा है। बीआइसी के एक अन्य बंगले को तिवारी ट्रैवल्स से खाली कराने के लिए अदालत में याचिका दाखिल की गई है।