अडानी समूह में LIC और SBI के निवेश को लेकर वित्त मंत्री ने अपनी प्रतिकिया देते हुए कहा कि लिमिट के भीतर है निवेश,नहीं पड़ेगा कोई विपरीत प्रभाव
अडानी समूह के शेयरों में लगता हो रही भारी गिरावट के बीच एलआईसी के अडानी समूह में निवेश और एसबीआई द्वारा दिए कर्ज पर पत्रकारों से अपनी वार्ता करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की उक्त प्रकरण पर पहली प्रतिक्रिया आई है जिसमे वित्त मंत्री ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी का अडानी समूह की कंपनियों में एक्पोसजर स्वीकृत लिमिट के भीतर है और सब कुछ नियंत्रण में है।
अडानी समूह में निवेश पर अभी भी मुनाफे में हैं कम्पनियां
वित्त मंत्री ने एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनल पर दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं कहना चाहती हूं कि एसबीआई और एलआईसी ने उक्त प्रकरण पर विस्तार के साथ अपना बयान जारी किया है, दोनों के ही चेयरमैन और सीएमडी ने विस्तार से बताया है कि वे ( अडानी समूह में) ओवर एक्सपोज्ड नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि जो कुछ भी उनका (अडानी समूह में) एक्सपोजर है वें अभी भी मुनाफे पर बैठे हैं और अडानी समूह के वैल्यूएशन के गिरने के बाद भी वे मुनाफे में हैं।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि आरबीआई और फाइनैंशियल स्टैबिलिटी बोर्ड की बैठक हुई है जो हर छह महीने पर होती है। और मैं जिम्मेदारी के साथ कहना चाहती हूं कि भारत का बैंकिंग सेक्टर बहुत ही बेहतर स्थिति में है बैंकों के एनपीए में लगता कमी आई है ,लोन की रिकवरी लगातार की जा रही है और बैंकों की स्थिति बहुत मजबूत है और इसका प्रमाण इसी से लगाया जा सकता है कि वे आसानी के साथ अब पैसे जुटा रहे हैं और लोगो को उनकी जरूरतों के हिसाब से लोन दे रहे हैं और यही वजह है कि कोरोना काल के बाद जहां पूरे विश्व मे मंदी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं वहीं भारत की अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
विदेशी निवेशकों को वित्त मंत्री का भरोसा
अडानी समूह में ग्लोबल इंवेस्टर्स की बिकवाली और मौजूदा हालात में निवेश को टालने के सवाल पर वित्त मंत्री ने विदेशी निवेशकों को भरोसा देते हुए कहा कि भारत का प्रशासनिक तंत्र काफी मजबूत है। यहां स्थाई सरकार है साथ ही बहुत बेहतर तरीके से रेग्युलेट किया जाने वाला फाईनैंशियल मार्केट है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जो निवशकों का भरोसा भारत पर पहले था वो आगे भी बरकरार रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे रेग्युलेटर्स प्रशासनिक बातों को लेकर बेहद सख्त हैं. एक घटना से हमारे फाइनैंशिल मार्केट पर सवाल नहीं उठ सकता है। हमने बीते दशक में काफी सबक सीखा है।
बजट के दिन अडानी समूह के चलते शेयर बाजार में गिरावट को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि शेयर बाजार ने बजट का स्वागत किया था लेकिन कुछ कारणों से बाजार गिर गया। लेकिन मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में शेयर बाजार पर बजट का अच्छा असर रहेगा।