Friday, April 26, 2024
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कुंवारी लड़कियों के माँ बनने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू

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कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही विस्तारवादी चीन कई परेशानियों से जूझ रहा है । महामारी की वजह से जहां एक तरफ उसकी आर्थिक विकास दर काफी नीचे चली गई है वहीं दूसरी तरफ उसे देश में गिरती जन्म दर का भी सामना करना पड़ रहा है जिससे शी जिनपिंग को देश में उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में कमी आने की वजह से प्रोडक्शन पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव की वजह से बेरोजगारी फैलने और मुल्क के बूढ़ा हो जाने की आशंका सताए जा रही है । इस समस्या से निपटने के लिए चीन की शी जिनपिंग सरकार ऐसे अटपटे उपाय कर रही है कि आपको भी जानकार हंसी आ जाएगी ।

बिन ब्याही लड़कियों को मां बनाने की स्कीम

चीन की वर्तमान शी जिनपिंग की अगुवाई वाली सरकार ने देश में जन्मदर को बढ़ाने के लिए अब बिनब्याही लड़कियों को मां बनने के कानून को मंजूरी दे दी है । फिलहाल इस कानून को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केवल दक्षिण पश्चिम शिनजियांग प्रांत में लागू किया गया है । इस योजना के तहत अगर कोई लड़की बिना शादी किए अपने प्रेमी से प्रेग्नेंट होकर मां बनना चाहती है तो चीन की सरकार उसकी वित्तीय के साथ ही सामाजिक मदद भी करेगी । उस लड़की की न केवल गर्भावस्था में देखभाल की जाएगी बल्कि जन्म लेने वाले बच्चे की पढ़ाई और पालन – पोषण में भी सरकार की तरफ से सहायता की जाएगी । शी जिनपिंग सरकार की यह योजना कितनी कामयाब होगी , यह तो वक्त बताएगा लेकिन इससे चीन की बढ़ती परेशानी समझी जा सकती है ।

फिलहाल चीन में जितना भी औद्योगिक उत्पादन होता है , उसका बड़ा हिस्सा देश में ही खप जाता है क्योकि चीन दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश होने की वजह से वह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भी है और सबसे बड़ा बाजार होने की वजह से ही वहां पर तमाम बड़ी कंपनियां भी अपने उत्पाद बेचने के लिए लालायित रहती हैं । यही वजह है कि चीन सरकार की नीतियों से असहमत होने के बावजूद वे उसे नाराज करने का जोखिम कोई बजी देश नहीं उठाना चाहता। यही वजह है कि देश की गिरती आबादी से परेशान चीन सरकार बिन ब्याही लड़कियों को मां बनने के कानून को मंजूरी प्रदान कर दी है।

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2025 तक आबादी के मामले में चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे बड़ा और युवा देश बन सकता है । ऐसे में चीन के सिर से सबसे बड़ी मार्केट और युवा देश होने का तमगा छिन जाएगा जिसके बाद उसके महाशक्ति बनने की आकांक्षा को भी धक्का लगेगा । यही वजह है कि चीन किसी भी तरह अपने देश में जन्म दर को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है । इसके लिए उसने पहले अपनी सिंगल चाइल्ड वाली पालिसी बदली और उसके स्थान पर 2 बच्चों की पालिसी लागू की । जब उससे भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा तो अब वहां पर कुंवारी लड़कियों को मां बनाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है । जिससे शादी के झंझट में पड़े बिना महिलाएं बच्चे पैदा कर देश की आबादी को बढ़ाने में योगदान दे सकें ।

बच्चों की देखभाल में मदद देने का आश्वासन

शिचुआन प्रांत के अधिकारियों के मुताबिक जो लड़के – लड़की इस योजना में शामिल होना चाहते हैं , उन्हें 15 फरवरी से हेल्थ डिपार्टमेंट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा ।सरकार के इस योजना में संतान उत्पन्न करने की कोई सीमा नहीं होगी।इस प्रोजेक्ट के तहत महिला जितने चाहे उतने बच्चे पैदा कर सकेगी और महिलाओं के इलाज , डिलीवरी , बच्चों के पालन – पोषण , पढ़ाई और इलाज की सम्पूर्ण जिम्मेदारी चीन सरकार ने अपने कंधों पर लेने का आश्वासन दिया है ।फिलहाल लोगों ने इस योजना पर चुप्पी साध रखी है। ऐसे में यह स्कीम कितनी सफल होती है , यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।

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