आंदोलन के समर्थन में लगे नारे
ओबरा (सोनभद्र) : ओआईसी के निजीकरण के खिलाफ विद्यार्थियों का बेमियादी धरना मंगलवार को प्रारंभ हो गया है। आंदोलनकारियों ने उत्पादन निगम के उच्चाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि महज 36 हजार में वार्षिक शुल्क के आधार पर ओबरा, अनपरा, पनकी, परीक्षा, हरदुआगंज के उत्पादन निगम के सभी विद्यालयों को लीज के आड़ में बेच दिया गया है।

ऐसा घृणित कार्य करते समय गरीब बच्चों की आह का तनिक भी उच्चाधिकारियों को ध्यान नहीं रहा। यह बातें ओबरा इंटर कालेज परिसर में धरना दे रहे विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए ओबरा इंटर कालेज बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आनंद ने कही।

आनंद ने कहा कि ओबरा इंटर कालेज को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय हो चुका है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, आदिवासी और जरूरतमंद गरीब विद्यार्थियों के साथ घोर अन्याय है। ओबरा इंटर कालेज को निजी हाथों में देने के प्रस्ताव से हम सब और हमारा संगठन अहिंसात्मक विरोधकर रहा है।
जब कभी भी कोई परियोजना लगाई जाती है तो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि शिक्षा, चिकित्सा, शुद्ध पेयजल, पर्यावरण संरक्षण आदि के काम होंगे पर यहां पूर्व से चल रही शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में दे दिया गया है।
मांगों के बारे में आनंद ने कहा कि ओबरा इंटर कालेज ओबरा को उत्पादन निगम या सार्वजनिक या प्रांतिकरण या राजकीय क्षेत्र में संचालित किया जाए।
