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सफाई कर्मचारी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत की घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आगरा पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी.मृतक सफाईकर्मी के परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम यह किस तरह का देश बना रहे हैं. क्या यहां पर किसी के लिए न्याय नहीं है. न्याय सिर्फ मंत्रियों के लिये है, जिनके बेटे अपराध करते हैं. वह कुछ भी कर सकते हैं. यहां गरीब परिवार के साथ अत्याचार हो रहा है और हम सब चुप रहें. सरकार चुप क्यों है?
आगरा । सफाई कर्मचारी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत की घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आगरा पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. मृतक सफाईकर्मी के परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अरुण को पत्नी के सामने पीटा गया. उन्होंने बताया कि उनके भाइयों से दो बजे अरुण की मुलाकात हुई थी, उस समय तक वह ठीक थे, लेकिन 2:30 बजे बताया गया कि उनकी मौत हो गई.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘पोस्टमॉर्टम में परिवार का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था. पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट भी नहीं दी गई है. एक तहरीर दिखाई गई उनके भाई को. उनसे साइन करवाई गई. उन्हें भी पढ़ना नहीं आता.
उन्हें ये भी नहीं पता था कि उसमें क्या लिखा है. उनके घर में तोड़फोड़ की गई है. उनके पलंग तोड़े और कपड़े फेंके गये. उनका सारा सामान निकाला हुआ है. अरुण के भाई ने बेटी के शादी के लिए अलमारी में जो रखा था, वह भी लेकर चले गए हैं.
उन्होंने आगे कहा, ‘हम यह किस तरह का देश बना रहे हैं. क्या यहां पर किसी के लिए न्याय नहीं है. न्याय सिर्फ मंत्रियों के लिये है, जिनके बेटे अपराध करते हैं. वह कुछ भी कर सकते हैं. यहां गरीब परिवार के साथ अत्याचार हो रहा है और हम सब चुप रहें. सरकार चुप क्यों है?
कांग्रेस नेता प्रियंका ने कई ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा. प्रियंका ने ट्वीट किया कि किसी को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस की हिरासत में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है.
भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है. मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और आरोपी पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए.
आगरा के जगदीशपुरा थाना के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सफाईकर्मी की नौकरी देने का वादा किया है.
वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोग अरुण के मृत्यु के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ‘महर्षि वाल्मीकि जयंती’ नहीं मनाएंगे.