Thursday, March 30, 2023
Homeदेशकैप्टन अमरिंदर सिंह बनाएंगे नई पार्टी , कार्यकाल का देंगें पूरा हिसाब

कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाएंगे नई पार्टी , कार्यकाल का देंगें पूरा हिसाब

ईमानदार और निड़र पत्रकारिता के हाथ मजबूत करने के लिए विंध्यलीडर के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और मोबाइल एप को डाउनलोड करें

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने की घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी पार्टी का नाम तय नहीं हुआ है. चुनाव चिह्न का फैसला चुनाव आयोग करेगा. आज वे अपने कार्यकाल का ब्यौरा पेश करने के लिए मीडिया के सामने आए हैं. बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने गत 19 अक्टूबर को ट्वीट कर बताया था कि अमरिंदर सिंह नई पार्टी का गठन करेंगे.

चंडीगढ़ । अमरिंदर सिंह चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर रहे हैं. अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में जो कार्य किए हैं. उनका ब्यौरा मीडिया से शेयर करना चाहते हैं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के चुनाव पूर्व घोषणा पत्र और अपनी सरकार के किए गए कार्यों को लेकर अलग-अलग दस्तावेज पेश किए हैं.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में मंत्री रहे लोगों ने मामूली बातों को लेकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें की. वे किसी का नाम नहीं लेना चाहते, क्योंकि उनके किए गए काम सरकार के प्रदर्शन की गवाही हैं. उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने जो भी काम किए हैं, उसका पूरा हिसाब देंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में जितने भी वादे किए गए थे, उनमें अधिकांश पूरे किए गए हैं.

अमरिंदर सिंह ने पंजाब की सुरक्षा को लेकर कहा कि हालात संवेदनशील हैं. पंजाब की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. सीमा पार से नशे की तस्करी हो रही है. मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का प्रयोग हो रहा है.

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने की घोषणा की है.बता दें कि मंगलवार को रवीन ठुकराल ने अमरिंदर सिंह के हवाले से कहा कि व्यक्तिगत हमलों से लेकर अब वे पटियाला और अन्य जगहों पर मेरे समर्थकों की धमकियों और उत्पीड़न तक पहुंच गए हैं.

अमिरिंदर सिंह ने कहा कि वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को बता देना चाहते हैं कि वे मुझे इतने निचले स्तर के राजनीतिक खेल से नहीं हरा सकते. इस तरह के हथकंडे से वे न तो वोट जीतेंगे और न ही लोगों का दिल जीत सकेंगे.

रवीन ठुकराल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘जो लोग मेरे साथ खड़े हैं, उन्होंने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वे पंजाब की शांति और विकास में विश्वास करते हैं और काम करना जारी रखना चाहते हैं. वे डराने-धमकाने या उत्पीड़न के ऐसे क्षुद्र कृत्यों से नहीं डरेंगे. हम पंजाब के भविष्य के लिए लड़ते रहेंगे.

बता दें कि विगत 19 अक्टूबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. ठुकराल ने अमरिंदर सिंह के हवाले से लिखा था, ‘पंजाब के भविष्य की लड़ाई जारी है. एक साल से अधिक समय से अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हमारे किसानों सहित पंजाब और उसके लोगों के हितों की सेवा के लिए जल्द ही अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने की घोषणा करूंगा.’

बीजेपी से गठबंधन के लिए भी तैयार अगर…

19 अक्टूबर को ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा था कि अगर किसानों के हित में किसान आंदोलन का समाधान कर दिया जाता है, तो 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं.

अमरिंदर सिंह ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे पर भी बात हो सकती है लेकिन इसके लिए किसान आंदोलन का समाधान किसानों के हित में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ भी गठबंधन की संभावना है. उन्होंने समान विचारधारा वाली पार्टियों के रूप में अकाली समूह, विशेष रूप से ढींडसा और ब्रह्मपुरा गुट का नाम लिया.

19 अक्टूबर के ट्वीट में रवीन ठुकराल ने अमरिंदर सिंह के हवाले से लिखा था, ‘जब तक मैं अपने लोगों और अपने राज्य का भविष्य सुरक्षित नहीं कर लेता, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा.’

अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब को राजनीतिक स्थिरता और आंतरिक और बाहरी खतरों से सुरक्षा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वे पंजाब के लोगों से वादा करते हैं कि वे प्रदेश की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी करना होगा करेंगे. अमरिंदर ने कहा कि पंजाब आज दांव पर है.

बता दें कि अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद गत 19 सितंबर को चरनजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस का दलित चेहरा हैं और पंजाब की चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं. वो विधानसभा में नेता विपक्ष और सरकार में मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं.

चन्नी कांग्रेस पार्टी के युवा चेहरे कहे जा सकते हैं. उनकी उम्र महज 48 वर्ष है. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3659 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे.

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह ने 22 सितंबर को कहा था कि वह सिद्धू को पंजाब का सीएम बनने से रोकने के लिए वो कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं.

कैप्टन ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चेहरा हुए तो उनके खिलाफ अपना मजबूत उम्मीदवार उतारूंगा और सिद्धू को किसी भी हाल में मुख्यमंत्री नहीं बनने दूंगा क्योंकि वह देश के लिए बड़ा खतरा हैं.

2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा था. बताया जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर बीजेपी ने अरुण जेटली को उम्मीदवार बना दिया.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी तो सिद्धू राहुल और प्रियंका के करीबियों में शुमार हो गए. वह अमरिंदर की सरकार में पर्यटन और नगर निकाय के मंत्री बने. यही से अमरिंदर और सिद्धू में खटपट शुरू हुई

Share This News
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Share This News