Thursday, May 2, 2024
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पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी राजीव मिश्रा की संदिग्ध अवस्था में मौत , हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने व्यक्त किया शोक

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बिहार के हाजीपुर के लीलुदाबैत गांव के रहने वाले राजीव अपने घुंघराले लंबे बालों के लिए प्रसिद्ध थे. लंदन में 1997 में आयोजित जूनियर विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या काफी बढ़ गई थी. भारत जूनियर विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार गया था लेकिन राजीव टूर्नामेंट में छह गोल करके सबसे आगे रहे. उनके बचपन के कोच प्रेम शंकर शुक्ला ने कहा, ‘‘राजीव की असामयिक मृत्यु भारतीय हॉकी के लिए एक बड़ा झटका है. वह असाधारण कौशल वाले हॉकी खिलाड़ी थे.’’

Varanasi news । वाराणसी । उत्तर प्रदेश (UP) के वाराणसी (Varanasi) में पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी राजीव मिश्रा की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है. शिवपुर थाना (Shivpur Police Station) क्षेत्र में घर के कमरे में राजीव मिश्रा का शव मिला. वे साल 1997 में जूनियर हॉकी विश्व कप खेल चुके थे. राजीव मिश्रा ने सर्वाधिक गोल करते हुए भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी. कमरे से दुर्गंध आने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी.

स्थानीय लोगों के अनुसार 46 साल के राजीव मिश्रा रेलवे में टीटी के पद पर कार्यरत थे. वे कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे. मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को सूचना दी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है. राजीव को 1997 लंदन में जूनियर विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उस समय भारतीय हॉकी का अगला बड़ा सितारा माना जाता था. वाराणसी में उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में मुख्य टिकट निरीक्षक (सीआईटी) के पद पर तैनात होने के कारण वह अकेले रहते थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जो लखनऊ में रहते हैं.

राजीव मिश्रा के बचपन के कोच ने क्या कहा?

बिहार के हाजीपुर के लीलुदाबैत गांव के रहने वाले राजीव अपने घुंघराले लंबे बालों के लिए प्रसिद्ध थे. लंदन में 1997 में आयोजित जूनियर विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या काफी बढ़ गई थी. भारत जूनियर विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार गया था लेकिन राजीव टूर्नामेंट में छह गोल करके सबसे आगे रहे. उनके बचपन के कोच प्रेम शंकर शुक्ला ने कहा, ‘‘राजीव की असामयिक मृत्यु भारतीय हॉकी के लिए एक बड़ा झटका है. वह असाधारण कौशल वाले हॉकी खिलाड़ी थे.’’

परवान नहीं चढ़ सका था राजीव मिश्रा का करियर 

नीदरलैंड में खेले गये 1998 विश्व कप में उनके घुटने में गंभीर चोट लग गई थी जिसके बाद उनका करियर परवान नहीं चढ़ सका. उन्हें उस समय खेल की तत्कालीन शासी निकाय भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) से इलाज और रिहैबिलिटेशन के लिए मदद नहीं मिली थी. शुक्ला ने कहा, ‘‘आईएचएफ ने राजीव का बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया. उन्होंने कभी भी उसके चिकित्सा खर्च या किसी भी चीज का ख़्याल नहीं रखा. वह इसके बाद गुमनामी में चला गया. किसी ने उसकी परवाह नहीं की और इस प्रक्रिया में हमने एक उभरता हुआ सितारा खो दिया.’’

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दिलीप टिर्की ने जताया दुख

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने राजीव के दुखद निधन पर शोक व्यक्त किया. टिर्की ने ट्वीट किया, ‘‘प्रतिभाशाली पूर्व जूनियर अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी राजीव मिश्रा के असामयिक निधन के बारे में सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है. खेल के प्रति उनका जुनून और समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक था. उनके परिवार, दोस्तों और पूरे हॉकी समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है.

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