आप सांसद संजय सिंह के सहयोगियों के परिसरों सहित दिल्ली में कई स्थानों पर ईडी की छापेमारी
दिल्ली के उपराज्यपाल ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी और सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए सांठगांठ करने का मौका दिया गया और कुछ कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। हालांकि, ‘आप’ ने इन आरोपों का खंडन किया है।
नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं सांसद संजय सिंह के कुछ सहयोगियों के परिसरों सहित कई ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। ‘आप’ नेता ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश साझा करते हुए कहा कि उनके दो सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के परिसरों पर संघीय एजेंसी छापेमारी कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि करीब छह स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले में शामिल कुछ आरोपियों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई। जिन लोगों के यहां छापेमारी की जा रही है, उनमें से कुछ सिंह से संबद्ध है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कुछ समय पहले केंद्रीय वित्त सचिव को पत्र लिखकर ईडी निदेशक, आबकारी नीति मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी तथा एक सहायक निदेशक के खिलाफ इस जांच के संबंध में कथित रूप से ‘‘ झूठे और अपमानजनक दावे” करने के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी।
ईडी से जुड़े सूत्रों ने तब बताया था कि एजेंसी ने 20 अप्रैल को अदालत में एक आवेदन दाखिल किया था, जिसमें आरोपपत्र में संजय सिंह के नाम से संबंधित ‘‘टंकण संबंधी/लिपिकीय” त्रुटि ठीक करने की मांग की गई है। एजेंसी के सूत्रों ने बताया था कि आरोपपत्र में संजय सिंह का नाम चार बार आया है, जिसमें से एक संदर्भ गलत था क्योंकि उनका नाम राहुल सिंह के स्थान पर ‘‘अनजाने में” टंकित हो गया। मामला अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण एवं कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी और सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए सांठगांठ करने का मौका दिया गया और कुछ कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। हालांकि, ‘आप’ ने इन आरोपों का खंडन किया है।