
सोनभद्र। टीम-50 के सदस्य नितीश कुमार चतुर्वेदी एवं अन्य कुछ लोग एक टीम बनाकर बुधवार को मिर्जापुर जाकर मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा से मकरा में हुई मौतों को लेकर जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की तथा मांग पत्र में कहा कि इसके लिए संबंधितों को जिम्मेदारी तय करने के साथ ही मौत का कारण स्पष्ट कराया जाए साथ ही वहां के बाशिंदों के लिए स्थाई रूप से बेहतर स्वास्थ्य के प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। दूसरी तरफ दुद्धी विधायक हरीराम चेरो ने भी अपनी विधानसभा क्षेत्र के कुछ लोगो के साथ मुख्यमंत्री से मिलकर मकरा सिंदूर में आदिवासियों की हो रही मौत के कारणों की जांच कराकर उसे दूर करने के साथ ही लापरवाह स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उनपर कानूनी कार्यवाही की मांग की।

मुख्यमंत्री ने विधायक की मांग पर विचार करते हुए उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया है।यहां आपको यह भी बताते चलें कि पिछले दो वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की शासन से आई जांच को पूरा न हो पाने के कारण भरष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है ।यहां यह बात भी विचारणीय है कि जीरो टॉलरेंस व सुचितापूर्ण प्रशासन का दावा करने वाली सरकार में जिले के स्वास्थ्य विभाग में कुंडली मार कर कई वर्षों से जमे एक कर्मचारी की शासन से आई जांच को दबा कर उसके भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा देने में जिले के कुछ अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है क्योंकि जांच के नाम पर वर्षो तक फाइलों को दबाए रखना भी एक तरह का भ्र्ष्टाचार की ही श्रेणी में आता है और भ्र्ष्टाचारियों को बचाये रखने का यह एक तरह से नॉइकरशाही का पुराना तरीका है कि जांच के नाम पर फाइलों को घुमाते रहो।सोनभद्र के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्र्ष्टाचार को भी कुछ इसी तरह से संरक्षण दिया जा रहा है ।

यहां आपको बताते चलें कि वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों की शासन में कई गयी शिकायतों के बाद उनकी जांच जिले में कुछ चिन्हित अधिकारियों के यहाँ वर्षो से पड़ी हैं और भ्र्ष्टाचार में लिप्त उक्त कर्मचारी अपने भरष्टाचार में नित नए अध्याय लिख रहे हैं।देखना है इन भृष्टाचरियों की जांच कब तक पूरी होती है ?यदि जांच हो भी जाती है तो उसमें कुछ मिलता भी है अथवा भरष्टाचार में लिप्त उक्त कर्मचारी अपने किये पर पर्दा डालने में सफल हो जाते हैं।
