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किसान आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि इसने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी और मीठी यादें हमेशा साथ रहेंगी।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि किसानों के संघर्ष को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मैं अंतिम सांस तक किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहूंगा।


एक न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर ने टिकैत से पूछा कि क्या यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और आरएलडी का समर्थन करेंगे? इस सवाल पर टिकैत ने कहा कि हमारा बहुत लंबा खेत पड़ा हुआ है, उसकी जुताई वो खुद करें। जिसको जो करना है वह करें मैं अपना काम खुद करूंगा। हम राजनीति में जाने वाले नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए पोस्टर पर कहा कि मेरे नाम या फोटो का इस्तेमाल ना किया जाए।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि किसान यूनियन एक गैर राजनैतिक दल है, जो केवल किसानों के हित के लिए काम करता है। हमारा किसी भी राजनैतिक दल से कोई संबंध नहीं है। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 19 नवंबर को घोषणा की गई थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करती है। इन कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद राकेश टिकैत सहित तमाम किसान नेता अपने घर की ओर लौट गए हैं।

बता दें कि राकेश टिकैत के घर लौटते समय कई जगहों पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। भकियु कार्यकर्ताओं और किसानों ने टिकैत की आरती भी उतारी, इसके साथ जय जवान जय किसान के नारे भी लगे।

1 साल के बाद टिकैत के घर वापस आने को लेकर उनकी पत्नी सुनीता देवी ने मीडिया से कहा कि मेरे पति आज 383 दिनों के बाद घर आ रहे हैं। उनके स्वागत में जितने दीपक जलाए जाए वह कम है। जैसे भगवान राम अयोध्या वापस आए,वैसे ही मेरे राम आज घर आ रहे हैं।