सीबीडीटी ने कहा है कि 31 मार्च, 2022 तक स्थायी खाता संख्या (पैन) को विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) से नहीं जोड़ने वाले करदाताओं को 500 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा।
नई दिल्ली । क्या आपने अब तक अपने आधार कार्ड को पैन कार्ड के साथ लिंक नहीं करवाया है, तो जल्द करवा लीजिए। वर्तमान में पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराना बेहद ही जरूरी हो गया है। अगर आपने 31 मार्च 2022 तक आधार को पैन से लिंक नहीं करवाया है तो आने वाले दिनों में आपके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, 1 अप्रैल 2022 से पैन को आधार से लिंक करना बेहद ही जरूरी हो गया है।
इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। 1 अप्रैल 2022 से पैन को आधार से लिंक कराने के लिए पेनल्टी भरना होगा। सीबीडीटी ने कहा है कि 31 मार्च, 2022 तक स्थायी खाता संख्या (पैन) को विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) से नहीं जोड़ने वाले करदाताओं को 500 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा।

आपको बता दें कि पैन को बायोमीट्रिक आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2022 है। इस समयसीमा का अनुपालन नहीं करने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा। इसके साथ ही आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा। यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा। उसके बाद करदाताओं को 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा। वहीं पैन को आधार से न जोड़ने की स्थिति में 31 मार्च, 2022 से पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
सीबीडीटी की 29 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जुर्माने के भुगतान के बाद यह फिर चालू हो जाएगा। एकेएम ग्लोबल के कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने की समयसीमा को कई बार बढ़ाने के बाद आखिरकार अब जुर्माना राशि की सूचना जारी की है।

एक अप्रैल से पहले तीन माह के लिए जुर्माना राशि 500 रुपये और उसके बाद 1,000 रुपये होगी। किसी भी विफलता के कारण पैन निष्क्रिय हो सकता है इसलिए करदाताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने आयकर पोर्टल की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके आधार और पैन जुड़े हुए हैं। माहेश्वरी ने कहा, ‘‘प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की कुछ चिंताएं हो सकती हैं क्योंकि कुछ मामलों में उनके पास आधार नहीं है।

नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार नीरज अग्रवाल ने कहा, ‘‘आयकर रिटर्न दाखिल करने जैसे आयकर से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए अब आधार संख्या को पैन से जोड़ना अनिवार्य है।’’ पैन का उपयोग बैंक खाता खोलने, अचल सम्पत्ति की खरीद या पहचान के प्रमाण के रूप में किया जाता है। पैन को आधार से नहीं जोड़ने वाले करदाताओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अग्रवाल ने कहा, ‘‘जिन लोगों की पहुंच आयकर पोर्टल तक नहीं है उनके लिए ‘लिंकिंग प्रक्रिया’ एसएमएस के जरिये उपलब्ध कराई जाती है।