सोनभद्र।आज कल जनपद में स्वास्थ्य विभाग खबरों की सुर्खियां बटोर रहा है।कभी टॉर्च के सहारे प्रसव कराने को लेकर तो कभी बिना शासन की बगैर अनुमति के दो वर्षों का इक्ट्ठा वेतन आहरण करने को लेकर तो कभी बिना कार्य के ही लाखो में उन फर्मो को भुगतान को लेकर जिनके भुगतान पर प्रभारी द्वारा असहमति दर्ज की गई हो तो कभी बिना समान की आपूर्ति प्राप्त किये ही सम्बंधित फर्म को भुगतान को लेकर। ताजा मामला है प्रवीण कुमार सिंह मलेरिया निरीक्षक को वर्षो से एक ही जिले में तैनाती को लेकर जिले के लोगो द्वारा उनके खिलाफ कार्यवाही करने को लेकर उच्चधिकारियों को ज्ञापन देने का है।ज्ञापन में उक्त मलेरिया निरीक्षक को लेकर सवाल उठाया गया है कि विभाग में किसके वरदहस्त से वार्षिक स्थानांतरण नीति की धज्जियां उड़ाते हुए उक्त मलेरिया निरीक्षक पिछले 15 साल से ऊपर एक ही जनपद में तैनात है ? क्या इनके ऊपर वार्षिक स्थानांतरण नीति लागू नही होती ? इतना ही नही उक्त मलेरिया निरीक्षक चार चार ब्लाक का चार्ज अपने जेब मे लेकर बैठे है एवं कभी अपने आवंटित क्षेत्र में नही जाते है और न ही कभी मलेरिया विभाग के कार्यों में यह रुचि लेते है। अभी कुछ दिन पहले ही समाचार पत्रों से यह ज्ञात हुआ था कि म्योरपुर ब्लाक के बेलहथी गांव में लोग मलेरिया से मर रहे है जो कि अति पिछड़ा एवम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है।फिर भी उक्त मलेरिया निरीक्षक उस क्षेत्र में मलेरियारोधी डीडीटी व अन्य दवाओं के छिड़काव में रुचि न लेकर सिर्फ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बंगले या ट्रेजरी कार्यालय में कार्य करते नजर आते है । ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को लगातार क्यो और किसका संरक्षण दिया जा रहा है..?
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जनपद सोनभद्र के सीएमओ कार्यालय में गाड़ियों एवं जनरेटर में तेल के नाम पर हो रहा है खेल। पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड अगर देखा जाय तो प्रतिवर्ष कई लाख का डीजल पेट्रोल का बिल लगाकर भुगतान किया जाता है।आखिर एक मलेरिया निरीक्षक किस अधिकार से तेल का वितरण करने करने वाले कर्मचारी बन गए हैं। या इन्हें किस आधार पर नियुक्त किया गया है।ज्ञापन में इन पर आरोप लगाया गया है कि पिछले कई वर्षों से गैर विभागीय लोगों को तेल बांट कर उक्त मलेरिया निरीक्षक अपनी चोरी छिपाने के लिए सबको खुश कर रहे है ऐसा क्यों..?
इतना ही नहीं जनपद सोनभद्र में तैनात चिकित्सक पैरामेडिकल या चतुर्थ श्रेणी को जनपद में ही इस ब्लाक से उस ब्लाक में ट्रांसफर पोस्टिंग की भी जिम्मेदारी इन्ही के कंधो पर आखिर क्यों दे दी गयी है? जिसके नाम पर यह लोगों से धन उगाही करते है..?
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि उक्त मलेरिया निरीक्षक द्वारा अपने किसी रिश्तेदार के नाम से गाड़ी खरीदकर उक्त गाड़ी को नगवा सामुदायिक केंद्र पर संम्बद्ध कर अनैतिक लाभ कमाया जा रहा है।। यह भी बड़ा सवाल है कि ऐसे भ्रष्टतम कर्मचारी से इतनी हमदर्दी आखिर विभाग क्यों दिखा रहा है ?
ज्ञापन में कहा गया है कि यदि उक्त प्रकरण जो कि जनहित में है ,पर तत्काल न्यायोचित कार्यवाही नही की जाती है तो जनहित में उक्त 15 वर्षों से एक ही जिले में तैनात कर्मचारी के खिलाफ आंदोलन के लिए हम लोगो को बाध्य होना पड़ेगा।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से
विजय विनीत,अनुराग पांडेय,सत्यम पांडेय,आनंद शुक्ला,प्रेम प्रकाश राय,दीपक पंडित,मयंक देव पांडेय,प्रशांत पांडेय,अखिलेश्वर देव,अनुराग पांडेय(विक्की),विपिन पांडेय,संतोष जायसवाल,संतोष पांडेय,अतुल तिवारी,मिथिलेश सिंह,कपिल जायसवाल समेत अन्य जनपदवासी उपस्थित रहे।