सोनभद्र। बसन्तोत्सव के पावन पर्व पर मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के तत्वावधान में ख्यातलब्ध कवि व चिन्तक अजय शेखर की अध्यक्षता में उनके निज आवास पर महाप्राण पं० सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयन्ती परम्परागत रूप से मनायी गयी जिसका संचालन गजलकार अशोक तिवारी ने किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के निदेशक अजय शेखर ने कहा कि भूखण्ड किसी राष्ट्र की पहचान नही है भौगोलिक सीमाएं बदलती रहती हैं परन्तु संस्कृति देश की आत्मा होती है यदि वह मिट जाए तो देश अपना अस्तित्व खो देता है ।
महाप्राण निराला एक ऐसे युग द्रष्टा कवि थे जिनके भीतर युग चेतना समाहित थी। वरिष्ठ साहित्यकार अर्जुन दास केसरी ने कहा कि निराला का साहित्य व अंदाज निराला था। उनका सम्पूर्ण जीवन देश जन की सेवा के लिए समर्पित था।
उक्त अवसर पर कथाकार रामनाथ शिवेन्द्र, मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी,जगदीश पंथी,शुशील राही, कृपा शंकर द्विवेदी सोनभद्र बार एसोशिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र शुक्ला, रमेश देव पाण्डेय, कार्यवाहक अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी फरीद अहमद, राकेश शरण मिश्र, प्रदुम्न त्रिपाठी ‘पद्म’, दीपक कुमार केसरवानी, प्रभात सिंह चन्देल, सुनील तिवारी, विकास वर्मा, सरोज सिंह, दिलीप सिंह ‘दीपक’, धर्मेश चौहान, अरविंद सिंह स्वामी, कन्हैया पाण्डेय,जितेन्द्र पासवान, सन्तोष सिंह चन्देल,गोपाल स्वरूप पाठक,इमरान बख्सी, मोइनुद्दीन ‘मिन्टू’, प्रेम प्रकाश राय, विपिन पाण्डेय, बच्चा व अन्य उपस्थित थे। उक्त अवसर पर भोजपुरी के गीतकार जगदीश पंथी को सम्मानित किया गया।