सोनभद्र

24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन अन्नप्राशन , दीक्षा व विद्यारंभ संस्कार हुए सम्पन्न

“मनुष्य को अपने जीवन में एक ही गुरु बनाना चाहिए। मनुष्य का सच्चा मार्गदर्शक सच्चा गुरु ही होता है। जिस प्रकार हजारों तारों के प्रकाश से बढ़कर एक चंद्रमा का प्रकाश होता हैं। उसी प्रकार जीवन में अनेक गुरुओं से भला तो एक सतगुरु ही होता हैं।”

सोनभद्र । नगर स्थित रामलीला मैदान में शां‍ति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में चल रहे चार दिवसीय 24 कुण्डीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन मुख्य यजमान राजेश द्विवेदी पत्नी रानी देवी, प्रदीप केसरी पत्नी मंजू देवी, अरुण कुमार शास्त्री पत्नी शकुंतला देवी व अन्य भक्तों को गुरु मंत्र संस्कार से संस्कारित किया गया।

इस अवसर पर हरिद्वार से पधारे दल नायक सूरत सिंह अमृते ने कहा कि- “मनुष्य को अपने जीवन में एक ही गुरु बनाना चाहिए। मनुष्य का सच्चा मार्गदर्शक सच्चा गुरु ही होता है। जिस प्रकार हजारों तारों के प्रकाश से बढ़कर एक चंद्रमा का प्रकाश होता हैं। उसी प्रकार जीवन में अनेक गुरुओं से भला तो एक सतगुरु ही होता हैं।”

यज्ञ करने से मनुष्य के मानसिक शारीरिक विकार नष्ट होते हैं। मनुष्य को सांसारिक दुखों से छुटकारा मिलता हैं। जिसने यज्ञ को आत्मसात कर लिया उसका जीवन सफल हो गया। मुख्य जजमान दीपक कुमार केसरवानी एवं प्रतिभा देवी ने गायत्री माता की आरती उतारी और इसके पश्चात श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया।

इस अवसर कार्यक्रम में राजकुमार तरूण, अरविन्द कुमार सिंह, राधेश्याम त्रिपाठी, शिवशंकर कुशवाहा, रामदुलारे, वासुदेव यादव, बालमुकुंद शुक्ला, प्रदीप गुप्ता, गोविंद उमर गोपाल अग्रहरि, प्रकाश केशरी, सुमन केसरी, शुग्रीव मौर्या, लल्लन प्रसाद, अनिल कुमार, डा सी बी दूबे, लालता विश्वकर्मा, रामदेव जी, कालीदास जायसवाल, प्रदीप जयसवाल, राजेन्द्र जायसवाल, महिला स्वयं सेवी कार्यकर्ता सरोज देवी जयसवाल, सरिता देवी, मन्जू देवी, रानी देवी, आशा देवी, ऊषा देवी, शशी देवी श्रीवास्तव, गीता देवी, शोभा देवी, अमरावती देवी, शकुन्तला देवी, प्रज्ञा सहित भक्तगण भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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