सोनभद्र। जिले के भरहरी गांव के बीरेंद्र मिश्र का सुंदर प्लेसमेंट हो गया है। दुनिया की मशहूर बैंकिंग एंड फाइनेंस कम्पनी एचडीएफसी ने आईआईएम लखनऊ में चल रहे कैम्पस प्लेसमेंट के बतौर इन्वेस्टमेंट बैंकर (पोर्ट फोलियो एडवाइजर) पद के लिए चयन किया है।
बीरेंद्र के बड़े भाई सुखेन्द्र मिश्र प्रयागराज में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। बीरेंद्र 8 लाख करोड़ से अधिक के बाजार पूंजीकरण वाले बैंक के फंड को अपनी टीम के साथ मैनेज करेंगे जिससे ग्राहकों और देश की अर्थव्यवस्था को अधिकतम फायदा हो सके।
महज 23 वर्ष की उम्र में एचडीएफसी जैसे बड़े संगठन के उच्च पद पर पहुंचना हम सबके लिए ही नहीं बल्कि पूर्वाचंल के लिए गर्व का विषय है। बीरेंद्र का नक्सल प्रभावित ज़िले के अति साधारण स्कूलों से विश्व प्रसिद्ध संस्थानों में शुमार आईआईएम लखनऊ तक का सफ़र बहुत संघर्ष मय रहा। बीरेन्द्र की लगन और अथक परिश्रम से परिणाम शानदार आया। देशभर के, विशेषकर सोनभद्र के विद्यार्थियों को बीरेन्द्र मिश्र के बारे में बता दें कि कैट की परीक्षा उत्तीर्ण कर सोनभद्र का मान पहले ही बढ़ा चुके थे।
भारत सहित दुनिया के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान भारतीय प्रबंधन संस्थान का रिजल्ट आया और इनका चयन आईआईएम लखनऊ, आईआईएम इंदौर, आईआईएम शिलांग में हुआ था। इससे पहले बीरेन्द्र उत्तरप्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थान आईईटी (इंस्टीयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) से मैकिनीकल इंजीनियरिंग से बी टेक कर रहे थे। फिर कैट की परीक्षा के लिए तैयारी की और प्रथम प्रयास में ही इस प्रतिष्ठित परीक्षा को उत्तीर्ण किया था।
आपको बताते चलें कि सोनभद्र नक्सल प्रभावित जिला है और भरहरी जैसे गाँव की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली से हम सभी वाकिफ़ हैं। बीरेंद्र की 8 तक पढ़ाई गांव के इसी साधारण से स्कूल से ही हुई। उनका चयन सोनभद्र के गांव, समाज, क्षेत्र और नक्सल प्रभावित ज़िले के लिए खुशी और गर्व की बात है। इससे पहले बीरेन्द्र मिश्र ने 2013 में ओबरा इंटर कॉलेज से 86 फीसद के साथ हाईस्कूल और 2015 में जवाहर नवोदय विद्यालय बहुआर ( राबर्ट्सगंज) से 95 फीसद अंक के साथ इंटरमीडिएट उत्तीर्ण किया था।
इंटरमीडिएट में बीरेन्द्र की सफलता से प्रभावित होकर तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने इन्हें लेटर ऑफ इंस्पिरेशन देकर सम्मानित किया था। पिता श्री दयाशंकर मिश्र साधारण किसान, माँ श्रीमती दुर्गावती मिश्र गृहणी हैं। बीरेंद्र के चयन से सोनभद्र के लोगों में खुशी है। हम बता दें बीरेंद्र कुमार मिश्र के चयन से अत्यंत पिछड़े सोनभद्र के विद्यार्थियों में नई आशा के साथ ही विद्यार्थियों में कुछ कर गुजरने का जज्बा जगेगा।