Wednesday, May 8, 2024
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परिवहन विभाग के फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे ट्रकों को छुड़ाने वाले गिरोह की गर्दन तक पहुंचा पुलिस का हाथ,परिवहन विभाग में हड़कंप

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सोनभद्र । बीते वर्ष परिवहन विभाग के फर्जी रिलीजिंग आर्डर पर थानों से वाहनों को छुड़ाने के मामले की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं।जब उक्त फर्जी रिलीज ऑर्डर के सहारे विभिन्न थानों में बंद गाडियों को छुड़ाने की खबरों ने सुर्खियां बटोरनी शुरू की तो मामले पर पर्दा डालने के क्रम में परिवहन विभाग ने उक्त मामले की एफआईआर दर्ज करा चुप्पी साध ली।एफआईआर दर्ज होते ही उक्त विवेचना कर रही पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने की तैयारी में है।मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अब तक उक्त गिरोह के 6 लोगों को चिन्हित किया है जिसमें परिवहन अधिकारी समेत एआरटीओ दफ्तर के बाबू , पुलिसकर्मी व बाहरी दलाल भी शामिल हैं ।

पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने प्रकाश में आये उक्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है । वहीं सोमवार को पुलिस के इस बयान के बाद परिवहन विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है ।पुलिस विभाग की इस कार्यवाही से फिलहाल परिवहन विभाग के दफ्तर में ज्यादातर चैंबर खाली नजर आये वहीं परिवहन कार्यालय के बाहर दलालों की दुकान बेरोकटोक व खुलेआम चलती दिखी।

यहां आपको बताते चलें कि खनन विभाग , वाणिज्य कर विभाग और परिवहन विभाग की तरफ से विभिन्न तिथियों में की गई चेकिंग की कार्रवाई में बिना वैध परिवहन प्रपत्र के परिवहन कर रहे वाहनों को सीज कर विभिन्न थानों में खड़ा कराया गया था। वहीं उक्त सीज वाहनों को पिछले वर्ष मई और जून में संबंधित थानों से परिवहन विभाग का फर्जी रिलीज आर्डर दिखाकर सैकड़ों वाहनों को छुड़वा लिया गया था। जब उक्त मामला प्रकाश में आया तो परिवहन विभाग के साथ ही पुलिस विभाग के भी होश उड़ गए । दोनों विभागों ने पहले अपने अपने स्तर से मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन जब ऐसा हो नहीं सका और मामला मीडिया में आते ही आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी ने मिर्जापुर के एआरटीओ की अगुवाई में टीम गठित कर उक्त मामले की जांच कराई तो पता चला कि शिकायत सही है । इस पर उन्होंने तत्कालीन एआरटीओ प्रशासन पी 0 एस 0 राय को पूरे मामले की जानकारी से तत्काल जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को अवगत कराने का निर्देश दिया था ।उक्त निर्देश के क्रम में ही तत्कालीन एआरटीओ पी 0 एस 0 राय ने चार थानों और पुलिस चौकी पर सीज ट्रकों को परिवहन विभाग के फर्जी रिलीज आर्डर पर छूटे ट्रक नंबरो के आधार पर उक्त ट्रकों पर मुकदमा दर्ज कराया था ।

वहीं अब तक की गयी विवेचना में पुलिस ने फर्जी रिलिजिंग आर्डर जारी करने के खेल में शामिल विभागीय व परिवहन विभाग में तैनात कुछ कर्मियों के अलावा कुछ बाहरी दलालों को भी चिन्हित कर आरोपी बनाया है। हालांकि अभी पुलिस की विवेचना जारी है । एसपी के आदेश पर पुलिस की टीमें फर्जी रिलिजिंग आर्डर जारी कर करोड़ों रुपये सरकारी धन हजम करने के खेल में शामिल लोगों की तलाश शुरू कर दी है । पूरे मामले पर एसपी डॉ ० यशवीर सिंह ने बताया कि ” फर्जी रिलिजंग आर्डर के खेल में कुछ पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों का नाम प्रकाश में आया है । फ़िलहाल अब तक की विवेचना में प्रकाश में आये आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस जुट गई है ।

फिलहाल परिवहन विभाग में फर्जीवाड़े का यह कोई पहला मामला नहीं है । इसके पहले भी परिवहन विभाग के कई बड़े मामले उजागर हो चुके हैं लेकिन फर्जी रिलीजिंग ऑर्डर मामले में परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी समेत 6 लोगों का नाम आना अब तक के लिए सबसे बड़ी कार्यवाही है । ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जब सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त होकर घटना को अंजाम देंगे तो आखिर सरकार भी किस पर भरोसा करे । जरूरत है ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त करने की जिससे भ्रष्टाचारियों के बीच एक सख्त मैसेज जा सके ।

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