सोनभद्र: एक तरफ जहां विधानसभा चुनाव 2022 के राजनीतिक अखाड़े में नेता चुनावी ताल ठोक रहे हैं तो वहीं दो दिन पूर्व जिले का एक सेक्रेटरी डीपीआरओ ऑफिस में तैनात एक बाबू को ही ठोंक देने की धमकी दे डाली। इस सनसनीखेज घटना के बाद जिलापंचायत राज अधिकारी भी सन्न रह गए और तत्काल उस सेक्रेटरी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब तलब कर लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक दरअसल, मामला यह था कि सूचना के अधिकार के तहत राबर्ट्सगंज ब्लॉक में तैनात एक सेक्रेटरी द्वारा समय से जवाब न देने पर सूचना आयोग द्वारा उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माने का आदेश किया गया था ।इसी आदेश के पालन में उक्त सेक्रेटरी के वेतन में कटौती कर ली गयी थी।उक्त सेक्रेटरी द्वारा उसी जुर्माने को हटाने के लिए विभाग के बाबू से कहा तो बाबू ने कहा कि यह कटौती आयोग द्वरा आपके विरुद्ध आदेश पारित करने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश पर की गई है इसे मैं कैसे हटा सकता हूं, जिसपर गुस्साए सेक्रेटरी ने बाबू को ही ठोंक देने की धमकी दे डाली।
विभाग से मिले एक महत्वपूर्ण दस्तावेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे सदर ब्लॉक का एक सेक्रेटरी पूरे पंचायतराज विभाग में गदर मचा रखा है।उक्त प्रकरण पर यदि अब तक कि विभागीय कार्य पद्धति पर गौर करें तो एक बात तो साफ साफ देखी जा सकती है कि विभाग के लोगों द्वारा उक्त सेक्रेटरी के दबंगई पर परदा डालने की जुगत लगाई जा रही है।
वैसे तो विभाग कागजी घोड़ा दौड़ा दिया है और डीपीआरओ ने फौरी तौर पर सेक्रेटरी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब भी तलब कर लिया है, साथ ही उक्त सेक्रेटरी को दोबारा इस तरह के कृत्य किये जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।यहाँ आपको बताते चलें कि इससे पहले भी फोन पर एक अन्य सेक्रेटरी के साथ गाली-गलौज के मामले में विभाग के बाबू पर कार्रवाई कुछ ही दिन पहले की गई थी जबकि ऐसे ही एक अन्य मामले में विभाग के लिए कामधेनु गाय बन चुके कुछ सेक्रेटरी व एडीओ पंचायत को बरी कर दिया गया था।
यहाँ आपको बताते चलें कि उक्त सेक्रेटरी द्वारा विभाग के उच्चधिकारी द्वारा दिये गए नोटिस को कितनी गमम्भीरता से ले रहा है उसकी बानगी आप इसी से समझ सकते हैं कि उक्त सेक्रेटरी को विभाग के अधिकारी द्वारा नोटिस तो 14 फरवरी को जारी की गई है पर उक्त सेक्रेटरी ने जो विभाग में अपना जबाब दिया है वह 13 फरवरी की तारीख में ही दे दिया इससे आप विभगीय कार्य के प्रति इनकी संजीदगी को स्वंय समझ सकते हैं ।यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि उक्त दबंग सेक्रेटरी को शायद यह भी नहीं पता कि 13 फरवरी को रविवार था और उस दिन राजकीय अवकाश रहता है।
बहरहाल इन मामलों के लगातार सामने आने से पंचायती राज विभाग की कार्यशैली पर अब सवाल उठने लगे हैं।लोग चट्टी चौराहे पर पंचायत विभाग पर चर्चा करते हुए कह रहे हैं कि भैया सेक्रेटरी पंचायत विभाग के लिए दुधारू गाय बन गए हैं ऐसे में इन पर कार्यवाही कौन करेगा ?