Friday, April 26, 2024
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तेंदुए की मौत सोन नदी में अवैध खनन के कारण – विकाश शाक्य

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बफर जोन में भारी ट्रकों के शोर-शराबे में घबराकर विचलित हुआ तेंदुआ सड़क पर दुर्घटना का हुआ शिकार

सोनभद्र । कैमूर वन्य जीव अभ्यारण में अवैध खनन तथा सेंचुरी के बेहद करीब बफर जोन में भारी ट्रकों की आवाजाही से लगातार वन्य जीव प्रभावित हो रहे हैं इसी क्रम में गुरमा सेंचुरी रेंज के मारकुंडी घाटी के सोन इको पॉइंट पर तेंदुआ की मौत हो गई उक्त बातें पीयूसीएल के प्रदेश सचिव एडवोकेट विकास शाक्य ने कही।

श्री शाक्य ने कहा कि पूरे देश में सेंचुरी का बफर जोन 10 किलोमीटर बनाया गया है जिसमें किसी भी प्रकार का गैर वानिकी कार्य प्रतिबंधित है परंतु सोनभद्र में राष्ट्रपति के गजट को पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा बफर जोन 1 किलोमीटर करके अविधिक रुप से दिशा-निर्देश मानक जारी कर दिया है ।

भारत सरकार के गजट के विरुद्ध सेंचुरी के 1 किलोमीटर बफर जोन का मानक मानकर जिला प्रशासन पत्थर बालू की कई खनन पट्टा आवंटित कर दिया है । सोन नदी शिल्पी से गुरदह 20 किलोमीटर व पटवघ् से कन्हौरा 14 किलोमीटर कैमूर वन्यजीव विहार में है बीच का 11 किलोमीटर नदी क्षेत्र में कई बालू खनन पट्टे स्वीकृत कर दिए गए हैं जो सेंचुरी क्षेत्र में बढ़ कर अवैध खनन करने की संयुक्त जांच में पाई गई है ।

अगर राष्ट्रपति के गजट में बफर जोन 10 किलोमीटर माना जाता है और मानक् को ध्यान में रखा जाता तो वन्य जीव जो सोन नदी में जल क्रीड़ा और पानी पीते हैं तथा बिहार तक सुरक्षित कारिडर बनाकर रहते हैं वह सोन नदी में ट्रकों की लंबी कतारों ध्वनि प्रदूषण से आहत होकर के बेसुध सड़कों पर नहीं भागते तो यह घटना नही होती।

शाक्य ने तेंदुए की मौत का जिम्मेदार सोन नदी में अवैध खनन कर्ताओं को ठहराते हुए पूरे मामले को एनजीटी में पूर्व विचाराधीन प्रकरण के साथ जोड़कर उठाने और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र लिखकर 1 किलोमीटर के बफर जोन का मानक निरस्त कर के राष्ट्रपति द्वारा जारी गजट 10 किलोमीटर को यथावत सोनभद्र में लागू करने के लिए पत्र भेजा है।

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