सोमभद्र।गत 4 मई को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जिलापंचायत द्वारा खनिज लेकर परिवहन करने वाले वाहनों से वसूली करने हेतु निकली गयी निविदा के आधार पर कराए गए टेंडर में उच्च बोलीदाता गीतांजली इंटरप्राइजेज को दिए गए टेंडर को निरस्त कर देने से जिलापंचायत अध्यक्ष व अपरमुख्य अधिकारी की मंशा पर अब सवाल उठने लगा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज जिले में आये उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री के सामने भी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जिलापंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते हुए जिलापंचायत द्वारा खनिज परिवहन वसूली ठेका अपने चहेते ठेकेदार को देने के लिए जबर्दस्ती बिना नियम के उच्च बोलीदाता का टेंडर निरस्त करने का मामला उठा जिसपर पंचायती राज मंत्री ने कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया ।
आपको बताते चलें कि गीतांजली इंटरप्राइजेज की प्रोपराइटर ने पंचायती राज मंत्री को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि उनकी फार्म द्वारा जिला पंचायत खनिज शुल्क परिवहन शुल्क वसूली हेतु 2022-23 में विज्ञापन अनुसार टेण्डर डाला गया है जिसमें टेण्डर का टेक्निकल बिड अपर जिलाधिकारी के समक्ष खोला गया जिसमें पाच टेण्डरदाता जॉचोपरान्त सही पाये गए। जिसके बाद फाइनेन्सियल बिड खोला गया जिसमें उनकी फर्म सर्वोच्च बोलीदाता रही । उनकी फर्म का सर्वोच्च टेण्डर दर 14,61,11,111 / – ( चौदह करोड़ इकसठ लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह ) रूपया है , जिसके उपरान्त कार्यालय जिला पंचायत सोनभद्र द्वारा पत्रांक संख्या- 108 / जि 0 पं ० / खनिज – ठेका / ईटेंडर / 2022-23 दिनांक 04 मई , 2022 के क्रम में बिड में अपलोड किये गये अभिलेखों की मूल प्रति व छायाप्रति दिनांक 05 मई 2022 के अपरान्ह 12 बजे तक जमा करने हेतु निर्देशित किया गया ।
तत्क्रम में प्रार्थिनी द्वारा सभी मूल एवं छायाप्रति अभिलेख कार्यालय में जमा कर उसकी प्राप्ति रसीद प्राप्त किया गया । प्रार्थिनी को दिनांक 05 मई 2022 तक शर्तनामें के अनुसार धनराशि जमा करना था, परन्तु अपर मुख्य अधिकारी , जिला पंचायत- सोनभद्र द्वारा धनराशि जमा करने हेतु अभी तक नोटिस नहीं दी गयी । हमे पूर्व में ही भनक या आशंका लगने पर दिनांक- 05 मई 2022 को प्रातः जिलाधिकारी सोनभद्र से मिलकर सम्पूर्ण तथ्यों से अवगत कराया , उन्होंने आश्वस्थ भी किया कि इन परिस्थितियों में निविदा निरस्त नहीं किया जा सकता । तत्पश्चात् प्रार्थिनी अपर मुख्य अधिकारी , जिला पंचायत – सोनभद्र से मिली तो उन्होंने बताया कि पांच निविदादाताओं में से कुछ ने मूल पेपर जमा नहीं किया । अतः निविदा निरस्त कर दिया गया है ।
उन्होंने पत्र में आरोप लगाते हुए आगे लिखा है कि महोदय उक्त प्रकरण में जिलापंचायत की अध्यक्ष महोदया एवम् जिला पंचायत के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है । यह लोग प्रारम्भ में 3 ठीकेदारों का सिण्डिकेट बनाकर टेण्डर डलवाये थे जिसमें वर्तमान में वसूली कर रहे ठेकेदार भी सम्मिलित है , जिन्हें 31 मार्च , 2022 को उनके ठीके की अवधि पूर्ण होने के पश्चात् भी आचार संहिता की आड़ में दिनांक 06मई 2022 रात्रि 12.00 बजे तक वसूली करने की अवधि बढ़ा दी गई और आगे भी अवधि अपर मुख्य अधिकारी द्वारा 16.मई 2022 तक के लिये पूर्व ठीकेदार की मिलीभगत से समयवृद्धि कर दी गयी जो सरासर नियम विरूद्ध है । नियमतः ठीके की अवधि समाप्त होने के बाद सरकारी वसूली की जानी चाहिये थी ।
यहां यह तथ्य भी विशेष तौर पर उल्लेखनीय है कि पूर्व के ठेके जो वर्तमान में भी चालू है तथा मेरे द्वारा दी गई ठीके की राशि में रूपया 4 करोड़ से अधिक का अन्तर है । उक्त प्रकरण में बड़ी मात्रा में राजस्व की हेरा – फेरी करके राजस्व की क्षति की जा रही है । महोदय , आपसे विनम्र अनुरोध कि राजस्वहित के दृष्टिगत / न्यायोचित निर्णय लेने का कष्ट करें जिससे प्रार्थिनी को भी न्याय मिल सके ।