सोनभद्र। आम आदमी को फौरी तौर पर राहत पहुंचाने और अनावश्क विवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से भारत की न्याय व्यवस्था ने जिस सोच के साथ लोक अदालत की व्यवस्था दी थी उसको अमली जामा पहनाते हुए चेयर मैन स्थाई लोक अदालत न्यायाधीश मोहम्मद अली साहब ने विगत एक वर्ष से सोनभद्र के जिलाधिकारी से लेकर विद्युत विभाग के आला अधिकारियों तक एड़ीयां रगड़ चुके थाना कर्मा ग्राम पगिया निवासी ओमप्रकाश जिनका विद्युत कनेक्शन जिसे महज चार हजार रुपए के लिए कनेक्शन विभाग द्वारा विच्छेदित कर दिया गया था ।
उल्लेखनीय है कि विंध्यलीडर समाचार पत्र के न्यूज़ पोर्टल पर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित और प्रचारित किया गया साथ पीड़ित ने लोक अदालत का दरवाजा खटखटाया जिस संवेदनशील न्यायाधीश ने त्वरित संज्ञान लेते हुए विद्युत विभाग के अधिकारियों को कई बार मौका दिया किन्तु हाथधर्मी अधिशासी अभियंता ने न तो अदालत मे हाजिर हुआ और न ही अदालत का मान ही रखा जबकि अदालत मे विभाग अधिवक्ता द्वारा बराबर अदालत को बताया जाता रहा कि अधिकारी महोदय न्यायालय का सम्मान करते हैं और उनका आदेश का अक्षरश: पालन करेंगे ।
लेकिन अदालत के अथक प्रयास के बाद भी अधिशासी अभियंता ने उनकी एक न सुनी जिसके चलते 29 जून को अदालत ने वादी के पक्ष मे फैसला देते हुए कहा कि वादी के बकाया राशि को जमा कर वादी का विद्युत कनेक्शन जोड़ कर आगामी 5 जुलाई 2022को अदालत को उसके निर्णय पालन करेंने की सूचना दे । न्यायालय के उक्त आदेश से सोनभद्र के रहवासियों में काफी खुशी का वातावरण देखा जा रहा है ।
उल्लेखनीय है कि विगत कई वर्षों से जनपद में खूटा गांड़ कर बैठे अधिशासी अभियंता पर बलात्कार से लेकर अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न सहित भ्रष्टाचार के सैकड़ों आरोप है लेकिन सत्ता में बैठे हुक्मरानों को न तो जनहित की चिंता है न ही स्थानांतरण नीति की ही ऐसे में लोगो की उम्मीद को जगाने वाला अदालत के फैसले पर उक्त अधिशासी अभियंता क्या गुल खिलाता है देखने वाला होगा।