अभिभावकों ने कहा यदि परिवहन विभाग के जिम्मेदार लोग स्कूली वाहनों की नियमित जांच करते तो यह हादसा नहीं हुआ होता पर जिम्मेदार तो जैसे नींद में सो गए हों।यही कारण है कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से वाहन फीस तो पूरा ले रहा पर खटारा गाडियों से बच्चों की जान जोखिम में डाल कर ढोया जा रहा है।
सोनभद्र के दुद्धी तहसील मुख्यालय स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र छात्राओं को गांव से आज प्रातः लगभग 7:30 बजे के करीब एक मैजिक वाहन गरदरवा से दुद्धी की ओर आ रहीं थीं अचानक वाहन जैसे ही गरदरवा के आगे बढ़ गाड़ी में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण गाड़ी का स्टीयरिंग सिस्टम फेल हों गया और ड्राइवर का गाड़ी पर से नियंत्रण खो गया और गाड़ी सड़क से नीचे गिर गई जिसके कारण उसमें सवार सरस्वती बाल विद्या मंदिर दुद्धी के छात्र व छात्राएं घायल हो गयीं।
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गाड़ी पलटते ही उसमें सवार बच्चों की चीख पुकार शुरू हो गई जिसे सुनकर आस पास के लोग इकट्ठा हो गए और किसी तरह बच्चों को बाहर निकाला गया और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।स्थानीय लोगों की माने तो वाहन पेड़ से जाकर टकरा गया वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था।सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंच कर घटना में घायल हादसे के शिकार सभी बच्चों को आनन – फानन विद्यालय केप्रधानाचार्य द्वारा दूसरी वाहन से बच्चों कों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी लाया गया, जहाँ बच्चों का प्राथमिक उपचार कराने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।
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अभिभावकों का कहना है कि।उनकी बात को विद्यालय प्रबंधन द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता जिसके कारण यह दुर्घटना घटी। विद्यालय प्रशासन उनसे तो वाहन फीस के नाम पर पूरी रकम लेता है पर उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई गाड़ी सरकार द्वारा निर्धारित मानक को।पूरी नही करती और आरटीओ द्वारा कभी विद्यालयों के वाहन का ठीक से पड़ताल भी नहीं किया जाता।अभिभावकों का यह भी कहना था कि यह तो संयोग अच्छा था कि कोई अनहोनी नहीं हुई पर जिस तरह यह घटना घटी है उससे कोई बड़ी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।ऐसे में परिवहन विभाग को नींद से जग कर बच्चों को ढोने वाले वाहनों की सघन जांच करनी चाहिए जिससे कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
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