जब वह महिला उन प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने विभाग के कार्यालय में गयी तो प्रथमदृष्टया कर्मचारियों को उक्त प्रमाणपत्र देखते ही संदेह हुआ।विभाग के कर्मचारियों ने उक्त महिला से जब पूछा कि यह प्रमाणपत्र आपको कहा से मिला है ? महिला के यह बताने पर की यह तो साइबर कैफे से बनवाया गया है, सुन कर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त साइबर कैफे द्वारा संतोषी व सीमा पुत्री ओम प्रकाश के नाम से जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने जन्म/मृत्य प्रमाणपत्र जारी किए जाने वाले विभागीय पोर्टल पर उक्त प्रमाणपत्र पर पड़े नम्बर का जब सत्यापन किया तो पता चला कि उक्त नम्बर का प्रमाणपत्र जारी ही नही है।
बड़ा सवाल ये है कि कैसे किसी साइबर कैफे वाले के पास जन्म/ मृत्यु प्रमाणपत्र बन रहा है ? नियमानुसार किसी भी बच्चे के जन्म होने पर जन्म प्रमाण पत्र जो कि स्वास्थ्य विभाग अथवा नगरपालिका या ग्रामीण क्षेत्र मे ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया जाता है यदि इसी तरह से किसी भी साइबर कैफे से बनने लगे तो कोई भी व्यक्ति जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर उसका दुरुपयोग कर सकता है ।
उक्त प्रमाणपत्र व उसे जारी करने वाले साइबर कैफे संचालक के बाबत कार्यवाही के बाबत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण उनके संज्ञान में आ चुका है और उन्होंने जन्म/मृत्यु पंजीकरण अधिकारी/नोडल को कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।अब देखना होगा कि उक्त प्रकरण पर आगे क्या कार्यवाही अमल में लायी जाती है।