शौचालय निर्माण की परत दर परत अब खुलने लगी है हकीकत।अब शौचालय निर्माण व ओडीएफ में घोटाले का जिन्न धीरे धीरे बोतल से बाहर निकल रहा है।ओडीएफ पर पीठ थपथपवाने वाले लोगों की कार्यप्रणाली पर अब उठने लगे सवाल।

दुद्धी। जिस शौचालय निर्माण को लेकर सोनभद्र के अधिकारी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल कर अपनी पीठ थपथपवा चुके हैं । अब शौचालय निर्माण में अनियमितता का जिन्न अब धीरे धीरे बोतल से बाहर निकल रहा है और कागजों में शौचालय निर्माण कराकर अपनी पीठ थपथपवाने वाले विभाग की हकीकत एक एक कर सामने आती जा रही है । ताजा मामला दुद्धी ब्लाक क्षेत्र की धूमा ग्राम पंचायत का है । यहाँ के ग्रामीणों का आरोप है कि यहां 200 से अधिक शौचालय कागजों पर ही बनवा दिए गए । सरकारी खाते से धन भी निकाल लिया गया । इस से नाराज ग्रामीणों ने आज गांव में प्रदर्शन कर आवाज उठाई और जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की । धूमा गांव में इसको लेकर आज सुबह से ही आवाज उठनी शुरू हो गई थी । दोपहर होते – होते गांव के चौराहे पर दर्जनों ग्रामीण जमा हो गए । उन्होंने प्रदर्शन कर घोटाले के लिए प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव को जिम्मेदार ठहराया । घोटाले की जांच करो , मनमानी नहीं चलेगी … के नारे भी लगाए गए ।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के दूसरे गांवों की कौन कहे , धूमा ग्राम में ही शौचालय निर्माण से संबंधित दस्तावेज में दर्ज सैकड़ों नाम ऐसे हैं जिनके नाम पर पैसा निकाल लिया गया है , और मौके पर कोई निर्माण हुआ ही नहीं ।कई आधे अधूरे शौचालय की फोटो खंड विकास अधिकारी दुद्धी को देकर कार्य को पूर्ण बता दिया गया है । उनका कहना था कि विकास खंड अधिकारी दुद्धी को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई थी लेकिन ध्यान नहीं दिया गया । ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में 767 शौचालय कागज पर बनाए जा चुके हैं । जबकि उसमें से 200 शौचालय ऐसे हैं , जिनका धरातल पर वजूद ही नहीं है । ग्रामीणों का कहना था कि मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वह लोग आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे । उधर प्रधान राम प्रसाद यादव का कहना है कि चुनावी रंजिश की वजह से कुछ लोग विकास कार्यों में बाधा डालने के लिए गलत आरोप लगा रहे हैं । इस संबंध में एडीओ पंचायत से बात करने की कोशिश की गई पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

आपको बताते चलें कि शौचालय मुहैया कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है परंतु सरकार ने जिस विभाग के कंधो पर यह जिम्मेदारी सौंपी है लगता है कि उक्त विभाग केवल फाइल कम्प्लीट करने पर ही अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री कर ली है।ग्रामीण ” कन्हैया , प्यारे मोहन , रघुनाथ प्रसाद , रामावतार , सखीचंद , लछमन , रामप्यारी , वीरेंद्र , अशोक कुमार , भगवान दास , अजय , विनोद , जय कांत , लक्ष्मण , रामसूरत , विनोद , कमलेश , कृष्णमुरारी , मनोज यादव , मुन्नालाल , मिट्ठू , रामजनम , राजेश , रामविचार , धीरेंद्र कुमार , उदय कुमार , प्रहलाद कुमार , कन्हाई , कुमार बच्चालाल , रामपरीखा , प्रदीप , अमरनाथ , उदय , विकास , नंदलाल , रामचंद्र , वीरेंद्र आदि का कहना था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव स्तर तक हर घर को शौचालय मुहैया कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है लेकिन दुद्धी विकास खंड में यह योजना घोटाले का शिकार हो गई है।

आपको बताते चले कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही इसी तरह का एक वाकया तब सामने आया था जब चोपन विकास खण्ड में रात्रि प्रवास के दौरान सदर विधायक सुबह शौचालय जाना चाहे तो पता चला कि उक्त गांव में कोई शौचालय नहीं है।जबकि कागजों पर उक्त गांव ओडीएफ हो चुका था।इसके बाद उस गांव के ग्रामपंचायत विकास अधिकारी के कार्यप्रणाली की जांच की मांग भी उठी थी परन्तु कार्यवाही के नाम पर उक्त ग्रामपंचायत विकास अधिकारी को कुछ दिनों बाद दूसरी बड़ी ग्रामपंचायत का चार्ज दे दिया जाता है ।जब विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली यही है तो आप समझ सकते हैं कि भ्र्ष्टाचार पर क्या कार्यवाही होगी।उक्त विभाग की कार्यप्रणाली देखकर लगता है कि विभाग में कमाऊं लोगों की खोज बराबर जारी है और जो लोग इस तरह अपनी क्षमता सिद्ध करते हैं उन्हें अधिकारी जब भी मौका मिलता है पुरस्कृत किया करते हैं।ऐसे में आश्चर्यजनक रूप से यदि धूमा ग्रामपंचायत सचिव को पुरस्कृत करते हुए जनपद की किसी बड़ी ग्रामपंचायत का चार्ज दे दिया जाय तो आश्चर्य नहीं होगा।
