Friday, March 29, 2024
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सरकारी बंगला देख साहेब हुए खफा, कहा जल्दी करो इसे रफा- दफा, लोगों ने कहा पद व धन का दुरुपयोग

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चोपन। इन दिनों प्रदेश की जनता जहाँ मँहगाई की मार से कराह रही है वहीँ दूसरी तरफ एक सरकारी अफसर की जनता के टैक्स के पैसे से अपने शौक पूरे करने को लेकर जनता में तरह तरह की बातें की जा रही जनता महंगाई की मार से परेशान हैं और आर्थिक कष्ट से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ योगी सरकार के अधिकारी अपना शौक पूरा करने के लिए किस तरह धन की बर्बादी कर रहे हैं यह हम आपको आगे बताने वाले हैं । पहले आप योगी सरकार में तैनात उस अधिकारी के बारे में जान लीजिये जिसके शौक की चर्चा इन दिनों पूरे सोनभद्र में हो रही है ।

दरअसल चोपन ब्लाक में तैनात बीडीओ को अपना कार्यभार संभाले महज 2 से 3 महीने ही हुआ कि साहेब को सरकारी बंग्ला ही नागवार गुजरने लगा … बताया जा रहा है कि कुछ ही दिनों में साहेब को सरकारी बंगला इस कदर खराब लगने लगा कि तोड़कर नया बंगला बनाने का फैसला ले लिया …. और आखिरकार एक दिन मजदूर बुलाकर अपने आवास को जमीदोज करा दिया ।

फिर क्या साहेब के शौक की चर्चा पूरे जनपद में शुरू हो गया । बड़ी संख्या में लोग इस निर्णय का विरोध करने लगे । उनका कहना था कि इसी वित्तीय वर्ष में जब बीडीओ आवास के मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किया गया था तो आखिर इसे तोड़ने की जरूरत क्या थी ? और फिर सवाल तो यह भी उठता है कि क्या बिना किसी परमिशन व रिपोर्ट के कोई कैसे सरकारी बंगला तोड़ सकता है ? बीजेपी नेता दीपक दुबे सहित अन्य कई लोगों ने इस निर्णय के विरोध में जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से जांच कर उक्त अफसर पर कार्यवाही करने की मांग की है ।

आपको बतादें कि बीडीओ की यह मनमानी उस ब्लाक की है जिस ब्लाक की ब्लाक प्रमुख राज्यमंत्री संजीव गोंड़ की पत्नी हैं । लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदार अधिकारी का उक्त अफसर के अपने शौक के लिए सरकारी धन के दुरुपयोग पर कोई भी सरकारी बयान तक नहीं आया है। बहरहाल साहेब के शौक ने सरकारी खर्चे को बढ़ा दिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस शौक ने बीडीओ को यह करने पर मजबूर किया उसका उपयोग वे खुद कितने दिन कर पाते हैं यह तो देखने वाली बात होगी । क्योंकि सरकारी नौकरी अनिश्चितताओं से भरी होती है । यहाँ कब कौन कितने दिन टिकेगा यह कोई नहीं जानता । ऐसे में उक्त सरकारी बंगले को तोड़ कर वह भी तब जब इसी वित्तीय वर्ष में उक्त सरकारी बंगले के रिनोवेशन पर लगभग चार लाख रुपये व्यय किये गए हों।

यह तो सरासर जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग करना ही है। यहाँ मामला केवल इतना ही नहीं है। उक्त जमीदोज बंगले के मरम्मत के लिए साहेब ने टेंडर भी प्रकाशित किया हुआ है।अब सवाल यह उठता है कि जब उक्त बंगला जमींदोज हो चुका है तो मरम्मत किसकी होगी ? आखिर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली इस सरकार में अधिकारी कर क्या रहे हैं ? यह बात अब जनता को चुभने लगी है।देखना होगा कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार में उक्त फिजूलखर्ची पर कोई कार्यवाही होती भी है अथवा नहीं।

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