ग्रेटर नोएडा /लखनऊ । बिल्डरों द्वारा खरीदारों से मनमानी करने और उन्हें समय पर फ्लैट न देने पर उप्र शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश भू संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा जारी आरसी बकाए के सापेक्ष गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने 32 बिल्डरों की करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की है। इनमें 162 फ्लैट, छह भूखंड, पांच दुकानें व 28 विला शामिल हैं। अगले कुछ दिनों में 50 अन्य बिल्डरों की संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा। शासन स्तर पर बनी योजना के तहत पहली बार इन जब्त संपत्तियों की अगले माह से ऑनलाइन नीलामी शुरू की जाएगी।
बिल्डरों ने खरीदारों को दो से तीन साल में फ्लैट, विला व दुकान का कब्जा देने का वादा किया था। हजारों खरीदारों ने जीवन भर की जमा पूंजी या बैंक से लोन लेकर भुगतान भी कर दिया। कुछ बिल्डर ने परियोजना पर काम ही शुरू नहीं किया तो कुछ ने बीच में छोड़ दिया। खरीदारों के पैसों से बिल्डर नए-नए प्रोजेक्ट पर काम रहे हैं। इसके खिलाफ खरीदार लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं।
बिल्डरों को कई बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन कुछ असर नहीं हुआ। शासन द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद प्रशासन सख्त हुआ और बिल्डरों की कुर्क की गई अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया। एक-एक संपत्ति पर प्रशासन ने जब्ती का नोटिस चस्पा कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि जब्त की गई संपत्तियों की ऑनलाइन नीलामी के लिए शासन स्तर पर एक साल से मंथन चल रहा था, जिसे लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। संभव है कि अगले माह जब्त संपत्तियों की ऑनलाइन नीलामी शुरू हो जाएगी।
वंदिता श्रीवास्तवस (एडीएम (वित्त), गौतमबुद्ध नगर) का कहना है कि हजारों खरीदार बिल्डरों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि पूरा पैसा देने के बाद भी फ्लैट के लिए बिल्डरों के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। प्रशासन की कार्रवाई स्वागत योग्य है। अभिषेक कुमार, नेफोवा अध्यक्ष रेरा के बकाए के सापेक्ष बिल्डरों पर कार्रवाई की गई है। जब्त की गई संपत्तियों पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है। अन्य बिल्डरों के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है।