Thursday, March 28, 2024
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मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन के बाद भी बंद पड़े रा.इ.कालेज गुरमुरा को खोले जाने की ग्रामीणों ने की मांग

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सपा सरकार में 5 करोड़ की लागत से बना है राजकीय इंटर कालेज गुरुमुरा,4 वर्षों से बंद पड़ा है ,अपने खुलने की बाट जोहता खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

सोनभद्र। जनपद के आदिवासी अंचल गुरुमुरा में लगभग 5 करोड़ के लागत से वाराणसी शक्ति नगर मुख्य मार्ग से सटे व बने राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज गुरमुरा (कोटा) का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद भी कॉलेज का शुरू न होना, न ही वहाँ पर कोई सुरक्षा व्यवस्था का होना न ही अध्यापकों, कर्मचारियों की नियुक्ति होने से कॉलेज परिसर पुरी तरह से खंडहर के रूप में तब्दील होता जा रहा है ।ग्रामीणों द्वारा बार बार सांसद, विधायक व जिलाधिकारी से अपील किए जाने के बाद भी विद्यालय चालू न होने के कारण जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के प्रति अब ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

पांच वर्षों से अपने संचालन के इंतजार में राजकीय इंटर कॉलेज गुरुमुरा व इसे संचालित करने की मांग करते ग्रामीण

ग्रामीणों की माने तो आदिवासी अंचलों के बीच सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के पठन पाठन को सुचारु रूप से चलाने के लिये उक्त विद्यालय सपा सरकार के शासनकाल के अंतिम समय में ही यह विद्यालय बनकर तैयार हो गया था। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र दौरे पर आए थे तो उस समय उक्त राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज गुरमुरा का उद्घाटन किए जाने के बाद क्षेत्र की जनता को लगा चलो अब इसके संचालन से क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।परन्तु उद्घाटन के इतने दिनों बाद भी अब तक कॉलेज का संचालन न होना विभागीय अधिकारियों के कारनामे व शिक्षा के प्रति उनकी संजीदगी की पोल खोलता है। मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद भी विद्यालय का संचालन ना होना एक चिंता का विषय है। कॉलेज को शुरू करने के लिए कॉलेज जिला विद्यालय निरीक्षक को हैंड ओभर भी हो चुका है ,उसके बाद भी विभाग द्वारा शिक्षकों की कमी दिखाकर कॉलेज को नहीं खोला जा रहा है, न ही संचालित किया जा रहा है। आपको बताते चलें कि आदिवासी आंचल के बीच लगभग 30 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बने होने के बाद भी बंद पड़े होने से बच्चों के अभिभावकों को काफी परेशानी होती है।

कोटा ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान शिव प्रसाद गोड ने बताया की शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली का पूरी तरह से पोल खोलता है यह कॉलेज.? 4 वर्षों से कॉलेज बनकर बंद पड़ा हुआ है इसकी कोई देखभाल करने वाला भी नहीं है ।आस पास के लोग तथा नशेड़ी कॉलेज परिसर को नुकसान पहुंचा रहे हैं, पूरा कॉलेज परिसर जंगल झाड़ व खंडहर में तब्दील होता जा रहा है फिर भी जिले के अधिकारी, विधायक, सांसद, शिक्षा विभाग सभी एकदम मौन है। अगर यह विद्यालय खुल जाता है तो क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निवास करने वाले आदिवासी छात्र छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में राहत मिलेगी। ग्रामीण लल्लू दुबे ने कहा कि हम लोगों द्वारा सांसद व सदर विधायक यहाँ तक कि कई बार जिलाधिकारी को भी ज्ञापन देकर विद्यालय खोले जाने की मांग किया गया परन्तु पिछले 4 सालों से बनकर कॉलेज तैयार होकर खड़ा है फिर भी बंद पड़ा है, कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कॉलेज के न खुलने से आसपास के क्षेत्र के बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। माता पिता भी परेशान है, मजबूरी के कारण प्राइवेट विद्यालय में बच्चों को भेजना पड रहा है और एडमिशन लेना पड रहा है।

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह विद्यालय केवल राजनीति के कारण बंद पड़ा है। क्योंकि इसका निर्माण सपा शासन काल में हुआ है शायद इसीलिए यह विद्यालय जानबूझकर भाजपा शासन में नहीं खोला जा रहा है।इस राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण ही इतना बड़ा राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंद पड़ा हुआ है। आसपास के लगभग 30 किलोमीटर के दायरे में कोई भी अन्य राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज नहीं है इसके बावजूद भी इस राजकीय इंटर कालेज का न खुलना वर्तमान शासन प्रशासन की कार्यशैली को दर्शाता है कि यह आम जन मानस के प्रति कितना संजीदा है। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व शिक्षा मंत्री डा दिनेश चंद शर्मा से मांग किया किया है कि तत्काल उक्त राजकीय विद्यालय को चालू कराया जाए जिससे आदिवासी क्षेत्र की छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर सके और सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सके। उक्त अवसर पर लल्लू दुबे, राम आधार गुप्ता, कैलाश गोंड, राजेंद्र खरवार, कुबेर गोंड, राजेश पटेल, रजमनिया, चमेली देवी आदि लोग उपस्थित रहे।

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