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बाबा के बुलडोजर की आड़ में चला लेखपाल का बुल्डोजर

(समर सैम)
सोनभद्र। चुर्क में अचानक मुसहर के कच्चे मकान को बाबा का बुलडोजर बताकर ज़मींदोज़ कर दिया गया। जैसे ही गरीब मुसहरों को पता चला कि यह बाबा का बुलडोजर है, वह भयभीत होकर जंगल की ओर भाग गए। उनके पड़ोसी भी भय भीत होकर घर के भीतर छुपकर मकान बुल्डोज होते हुए देखते रहे। बात चीत से पड़ोसियों को पता चला कि यह बुलडोजर बाबा का नहीं, एक लेखपाल का है। जबतक लोग कुछ समझकर प्रतिकार करते, तबतक गरीब के घरौंधे को बुलडोजर पूरी तरह से ज़मींदोज़ कर चुका था।

बाबा का बुलडोजर की तर्ज़ पर चुर्क में चला लेखपाल का बुलडोजर। बाबा का बुलडोजर जब से चला है, तब से बुलडोजर एक ट्रेन्ड सा बन गया है। जिसको देखो वही कानून को खिलवाड़ समझ गरीबों के मकानों पर बुलडोजर चलाने लग रहा है। ऐसा ही एक मामला चुर्क का प्रकाश में आया है। जहां एक लेखपाल ने ज़मीन कब्जा करने के नियत से बुलडोजर लगाकर एक गरीब का मकान ध्वस्त कर दिया। अवैध ज़मीन पर कब्ज़ा के लिये गरीब के मकान पर चलाया लेखपाल ने बुलडोजर। घटना अरौली गांव के कुल्हूआ टोला का बताया जा रहा है। पीड़ित दिनेश मुसहर ने आलाधिकारियों से लिखित शिकायत कर इंसाफ की गुहार लगाया है। गरीब का घर बुलडोज़ करने वाले लेखपाल का दावा है कि वह उसकी जमीन है। परन्तु अपने फेवर में वह किसी तरह का कागज़ नहीं दिखा सका। जबकि ज़मीन और मकान की पत्रावलियां दिनेश मुसहर और उसके भाइयों के नाम से है।

वहीं आस पास के लोगों का कहना है कि उक्त ज़मीन दिनेश मुसहर की है। जिसपर दिनेश का एक कच्चा मकान पिछले कई पीढियों से बना था। जिसे लेखपाल निराला ने बुलडोजर लगाकर गिरा दिया। पत्थर दिल लेखपाल ने गरीब का कच्चा आशियाना बुलडोजर लगाकर उजाड़कर फेंक दिया। ग़रीब दिनेश मुसहर का कुनबा इंसाफ के लिये दर दर की ठोकरें खाने को विवश है। साथ ही उसकी गृहस्थी का सारा सामान भी ज़मींदोज़ हो गया। तथाकथित लेखपाल ने गरीब दिनेश मुसहर के कुनबे को दर ब दर भटकने के लिये इंसाफ का भिखारी बना दिया। आखिर किस अधिकार से लेखपाल ने गरीब मुसहर का घरौंदा नोच डाला। किसी के भी घरों पर बुलडोजर चलाने का हक़ लेखपाल को किसने दिया। गली गली, बस्ती बस्ती, नगर नगर, डगर डगर, जिस सीएम योगी आदित्यनाथ के इंसाफ और ईमानदारी का डंका बज रहा है। आज उसी योगी के राज में जिसे देखो वही कानून को ठेंगा दिखाते हुए बुलडोजर से किसी का भी घर बुल्डोज करने पर आमादा है। दिनेश मुसहर के पड़ोसियों के विरोध के बाद भी दबंग लेखपाल ने उसके घर पर बुलडोजर चलाकर नेस्तनाबूद कर दिया।

बाकायदा सरकारी मोहकमा ने ज़मीन की पैमाइश कर दिनेश मुसहर की ज़मीन में पिलर गाड़ दिया है। राजस्व रिकार्ड में विधिवत ज़मीन का मालिकाना हक दिनेश मुसहर और उनके भाइयों के नाम पर दर्ज है। इसके बाद भी अंधेरगर्दी का साम्राज्य कायम है। वाह रे लेखपाल तू ने तो कमाल कर दिया। धोती फाड़के रुमाल कर दिया। भूमाफियाओं ने गरीब की ज़मीन कब्ज़ा करने के नियत से बुलडोजर चला कर सीधे योगी राज के लॉ एंड ऑर्डर को ही चुनौती दे डाली। अगर इसी तरह लोग कानून को अपने हाथों में लेकर बुलडोजर चलाते रहेगें, तो योगिराज में जंगल राज कायम हो जायेगा।
अंत में एक शेर बस बात ख़त्म, गरीब मुसहर किसके हाथों में अपनी बर्बादी का जुर्म तलाशे। तमाम अपराधियों ने पहन रखे हैं दस्ताने।

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