उत्तराखंड

पौड़ी हादसे में चमत्कार ! खाई से सुरक्षित निकली 2 साल की दिव्यांशी , 12 घंटे बाद मां के सीने से लिपटी मिली

बीरोंखाल के सिमड़ी में हुए बस हादसे में कुदरत का करिश्मा देखने को मिला है. हादसे के 12 घंटे बाद एक दो साल की बच्ची सही सलामत अपनी मृत मां के सीने से लिपटी मिली है.

पौड़ी : फिक्र मत कर बंदे कलम कुदरत के हाथ है, लिखने वाले ने लिख दिया किस्मत तेरे साथ है. जी हां, ऐसी ही कुदरत और किस्मत का संयोग बीरोंखाल के सिमड़ी में हुए बस हादसे में देखने को मिला. यहां एक ओर 50 से अधिक बारातियों में 33 की मौत ही गयी. वहीं, कुदरत का ऐसा करिश्मा भी हुआ, जिसमें 2 साल की बच्ची अपनी मृत मां से लिपटी हुई मिली. इतना ही नहीं ये 2 साल की बच्ची हादसा होने के पूरे 12 घंटे तक अपनी मृत मां के सीने से लिपटी रही, जिसे देखकर सबकी आंखें फटी की फटी रह गयी.

हादसे में 33 लोगों की मौत : पौड़ी जिले के बीरोंखाल के सिमड़ी के पास बीती 4 अक्टूबर को हुए बस हादसे से पूरा उत्तराखंड गमगीन है. बारातियों से भरी बस के इस तरह से दुर्घटनाग्रस्त होने से सभी लोग दुखी हैं. बस में 45 से अधिक लोग सवार थे. करीब 300 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से बस के 33 लोग अकाल ही काल के गाल में समा गए. लेकिन कुदरत का करिश्मा देखिए वाहन दुर्घटना के 12 घंटे बाद एक दो साल की बच्ची अपनी मृत मां से लिपटी हुई मिली. वो भी सही सलामत.

मां की मौत, बच्ची जिंदा मिली : जिसने भी इस मंजर को देखा वो इसे चमत्कार ही मान रहा है. बताया जा रहा है कि संदीप की बारात में उसके रिश्तेदार रसूलपुर कस्बे की गुड़िया देवी और उसकी दो साल की बेटी दिव्यांशी भी बस में सवार होकर गई थी. जिस समय यह दर्दनाक बस हादसा हुआ उस समय 2 साल की दिव्यांशी अपनी मां की गोद में ही थी. अचानक से बस अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी. मगर इतनी गहरी खाई में गिरने के बाद भी गुड़िया देवी ने अपनी मासूम बेटी को अपने से अलग नहीं होने दिया. उसकी बेटी अंतिम समय में भी अपनी मां की गोद में लिपटी हुई मिली.

मां को याद कर रही है दिव्यांशी: रेस्क्यू के बाद बच्ची को सही सलामत उसके घर पर पहुंचा दिया गया है, जहां वह कुछ भी नहीं समझ पा रही और बार-बार केवल मां को ही याद कर रही है. लेकिन उस मासूम को यह नहीं पता कि उसकी मां ने अपने जान देकर उसकी जान बचाई है.

मृतकों का आंकड़ा 33 पहुंचा : पौड़ी बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है. वहीं, गंभीर रूप से घायल 17 लोगों का अभी भी उपचार चल रहा है. घायल हुए 20 लोगों में से तीन ने कोटद्वार बेस हॉस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है.

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