सोनभद्र । देश में इस बार आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है , और इस अमृत महोत्सव को खास बनाने के लिए सरकार ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किया था । जिसके लिए 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया। हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए सभी सरकारी विभागो को जिम्मेदारी दी गई थी ।


लोगों को जागरूक करने व उनमें उत्साह भरने के लिए जिलाधिकारी समेत तमाम विभाग, राजनीतिक दल व पुलिस विभाग ने तिरंगा यात्रा निकाला। हर घर तिरंगा अभियान में यह तय किया गया था कि आम आदमी को अपने घरों से अधिकतम 17 अगस्त शाम तक ससम्मान तिरंगे को उतार कर सम्मान सहित सुरक्षित घरों में रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। लेकिन तिरंगे को जितना सम्मान फहराते वक्त दिया गया, उतना ही सम्मान तिरंगे को उतारते समय देना था लेकिन शायद यह आम लोगों के साथ ही जिम्मेदार अधिकारी भी भूल गये हैं।


इस लापरवाही का नमूना छपका स्थित सीडीओ आवास, रॉबर्ट्सगंज विकास खण्ड परिसर स्थित कृषि विभाग समेत आस-पास के गांवों सहित शहर के विभिन्न स्थानों पर तिरंगा ध्वज आज भी घरों के छतों व दीवारों पर फहरा रहे तिरंगे को देख कर सहज ही लगाया जा सकता है ।

इतना ही नहीं, जिले के तकरीबन सभी शहरों व गांवों में ऐसे ही हालात हैं। हवा के झोके से कहीं तिरंगा झुक कर फहर रहा है तो कहीं हवा में उड़कर सड़कों पर गिर रहे हैं जिससे देश की शान राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हो रहा है। तिरंगा ध्वज को सम्मानपूर्वक सुरक्षित रखने में न तो प्रशासन ही दिलचस्पी दिखा रहा है और न ही लोग। क्या प्रशासन हर घर तिरंगा अभियान की तर्ज पर एक बार फिर अभियान चला कर सम्मान सहित लोगों के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों से राष्ट्र के शान तिरंगे को उतरवाने का कार्य करेगा ।