सोनभद्र

चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी के काकस के कारण नगर पालिका बना भृष्टाचार का अड्डा

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सोनभद्र। जिला मुख्यालय पर स्थित जिले की एक मात्र नगर पालिका के लिए शुचिता और पारदर्शिता जैसे शब्द अभी भी ‘बेमानी’ बने हुए हैं। यहाँ के चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी के काकस के कारण नगर पालिका क्षेत्र के विकास के लिए आया पैसा भृष्टाचार के भेंट चढ़ रहा है ।

सर्वप्रथम तो यहाँ निविदा से काम कराना ही नहीं चाहते इसीलिए लखटकिया बांडों केवल वर्कऑर्डर पर चाटुकार या साले बहनोई दमाद को काम देने में प्रथमिकता बरती जाती हैं ,इसके बाद भी यदि मजबूरी हुई तो फिर चाटुकार ठीकेदार खोजे जाते हैं ।

नगर पालिका परिषद में के पंजीकृत ठीकेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन सबके बाद नम्बर आता है निविदा से काम कराने का ,उस पर भी तुर्रा यह की सब कुछ नियमानुसार करने सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद सुविधा शुल्क /चढ़ावा बढ़ाने के उद्देश्य से निविदा की शर्तों के अनुसार तय कार्य के समयसीमा पूरी हो जाने के बाद भी अभी तक ठीकेदारों को कार्यादेश नहीं दिया गया है।

नगर पालिका परिषद के अन्दर के जानकारों के अनुसार 5 लाख से ऊपर के कार्यो के लिए जिलाधिकारी सोनभद्र के कार्यालय से बिकने वाला टेण्डर जो 10 नवम्बर 21 से 12 नवम्बर 21 के 2बजे तक बिक्री हुआ ,एवम 5 लाख रुपये से नीचे के कार्य का टेण्डर नगर पालिका परिषद के कार्यालय में 10 और 11 नवम्बर 21 के मध्यान्ह 2 तक बिक्री हुई थी के अतिरिक्त ई टेण्डर के माध्यम से 10 लाख रुपये से ऊपर के कार्यो का टेण्डर 26 अक्टूबर 21 से 15 नवम्बर 21 के 2 बजे तक अपलोड करना था जो उसी दिन अर्थात15 नवम्बर 21 को ही टेक्निकल बिड खोली जानी थी ।

उल्लेखनीय हैं कि उपरोक्त सभी टेंडरों के नियमानुसार सारी औपचारिकता ठीकेदारों द्वारा पूरी कर देने के बाद निर्धारित कार्य को पूरा करने की समयसीमा बीत जाने के बाद अभी तक अर्ह ठीकेदारों का नगर पालिका परिषद में पंजीकरण तक नही किया जा सका है । जबकि बताया जाता हैं कि मौजूदा पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल मे नगर के ज्यादातर कामों का आवंटन तीन-चार फर्मों तक ही सिमटा हुआ हैं।

उसमें साईं बाबा इंटरप्राइजेज एक ऐसी फर्म है जिस पर खासी मेहरबानी दिखाई गई है। आंकड़े बताते हैं कि उक्त अवधि के दरम्यान जहां साईबाबा फर्म को न सिर्फ 3.30 करोड़ से अधिक का कार्य आवंटित किया गया बल्कि वहीं 2.97 करोड़ के लगभग भुगतान भी कर दिया गया।

नगर पालिका परिषद के साथ कार्य करने वाले ठीकेदारों ने जिलाधिकारी सोनभद्र से नगर पालिका के पिछले तीन वर्षों के कार्यों की निष्पक्ष जांच करा कर ,निविदा की प्रक्रिया को नियमानुसार पूरा करने वाले ठीकेदारों को नगर पालिका परिषद से कार्यादेश दिलाने की मांग की है ।

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