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गांधी प्रतिमा के चरणों में 18 अक्टूबर से वंचित शिक्षकों का धरना जारी है
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग में भ्रष्टाचार चरम पर
योग्य अभ्यर्थियों की भर्ती की मांग को लेकर 75 दिनों से अनवरत आंदोलन जारी है
कोलकाता । पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रथम कक्षा की मेरिट सूची में नौवें-बारहवीं स्तर के वंचित शिक्षक उम्मीदवारों को स्कूल भर्ती में अत्यधिक भ्रष्टाचार और अभाव के शिकार योग्य अभ्यर्थियों के साथ आयोग ने खेला कर दिया ।अपात्रों पर किया करम पात्रों को दिखाया ठेंगा । 2019 से अपने हक और हकूक के लिए लड़ रहे बेरोजगार युवा शिक्षकों को आज भी इन्तजार है इंसाफ का ।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रथम कक्षा की मेरिट सूची में नौवें-बारहवीं स्तर के वंचित शिक्षक उम्मीदवारों को स्कूल भर्ती में अत्यधिक भ्रष्टाचार और अभाव का शिकार होना पड़ा है। वे शिकायत करते हैं कि; स्कूल सेवा आयोग ने संख्या आधारित मेरिट सूची प्रकाशित नहीं की, गजट के अनुसार 1:1.4 के अनुपात में नियुक्ति नहीं की गई ।
अंकिता अधिकारी की तरह एक अयोग्य उम्मीदवार पश्चिम बंगाल मन्त्रिमण्डल के मंत्री की बेटी को मेरिट सूची में प्राथमिकता देकर नियुक्ति दी गई ।

लॉकडाउन के दौरान एसएमएस में उन्होंने 5 अवैध नियुक्तियां कीं। 2019 की भूख हड़ताल के प्रतिनिधि और उनके रिश्तेदारों को अयोग्य होने के बाद भी मेरिट सूची में नीचे ऊपर लाकर भर्ती दी गई ।उन्होंने कई उम्मीदवारों को भी नियुक्त किया है; जिन्होंने सम्बन्धित परीक्षा पास ही नहीं की।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के इस कथित भृष्टाचार के विरोध में मेरिट लिस्टेड में योग्य होने के बाद भी शामिल होकर नियुक्ति न प्राप्त करने वाले वंचित उम्मीदवार लंबे समय से आंदोलन और भूख हड़ताल कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि स्कूल सेवा आयोग के भ्रष्टाचार का विरोध करने के लिए सबसे पहले वे 2019 में प्रेस क्लब के सामने 29 दिनों की भूख हड़ताल पर गए। ज्ञातव्य है कि उस समय तत्काल माननीय मुख्यमंत्री महोदया ने सभी योग्य उम्मीदवारों की नौकरी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया था।

किन्तु मुख्यमंत्री महोदया के अपने वादे पर अमल न करने के कारण आंदोलनकारियों ने तब साल्ट लेक सेंट्रल पार्क गेट नंबर-5 के पास 187 दिनों तक धरना दिया। जिस परपश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री और एसएससी अध्यक्ष ने कहा कि वे जल्द हीमेरिट सूची की अनियमितता को ठीक करा कर शीघ्र ही नियुक्ति करेंगे।

लेकिन किसी भी वादे को पूरा न करने के कारण भृष्टाचार के शिकार युवा बेरोजगार शिक्षकों को पुनः 8.10.2021 से फिर से ऐतिहासिक गांधी प्रतिमा के चरणों में धरना और भूख हड़ताल करने को विवश होना पड़ा आज जबकि अहिंसात्मक तरीके से अपने हक और हकूक के लिए आंदोलन कर रहे हैं मो. रकीब हुसैन और सुखेन सरकार ने सूचित किया है कि उनका आंदोलन पूरी तरह से गैर राजनीतिक है।